बेगूसराय | राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए जिला चयन कमेटी ने गुरुवार को साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी की। इस बार जिले से छह शिक्षक-शिक्षिकाओं ने National Teachers Award के लिए आवेदन किया है। आवेदन करने वालों में तीन शिक्षक और तीन शिक्षिकाएं हैं। खास बात यह कि इनमें से तीन प्रधानाध्यापक और तीन सहायक शिक्षक हैं। जानकारी के अनुसार, पुरस्कार के लिए तीन ने पहली बार, दो ने दूसरी और एक ने तीसरी बार आवेदन किया है। बताते चलें कि राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए बिहार से अधिकतम 6 शिक्षकों के नामों की अनुशंसा की जा सकती है। देशभर से कुल 154 शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन किया जाएगा। इनमें से 50 को ही राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा।
बेगूसराय से इन शिक्षकों ने किया आवेदन
National Teachers Award 2025 के लिए मध्य विद्यालय बीहट के प्रधानाध्यापक रंजन कुमार, मध्य विद्यालय रामपुर के प्रधानाध्यापक वेद प्रकाश सिंह, मध्य विद्यालय तड़बन्ना की प्रधानाध्यापिका विभा रानी, मध्य विद्यालय बीहट की सहायक शिक्षिका अनुपमा सिंह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कैलाशपुर के सहायक शिक्षक उपेन्द्र कुमार चौधरी और उच्च माध्यमिक विद्यालय कटरमाला की सहायक शिक्षिका प्रभा कुमारी ने आवेदन किया है। रंजन कुमार और अनुपमा सिंह ने दूसरी बार वहीं विभा रानी ने तीसरी बार आवेदन किया है। शेष शिक्षकों ने पहली बार आवेदन किया है।
सुपर-6 का चयन करेगी प्रदेश स्तरीय कमेटी
प्रदेश के सभी जिलों से शिक्षकों के नाम मिलने के बाद प्रदेश स्तरीय कमेटी सुपर-6 के नाम की अनुशंसा राष्ट्रीय कमेटी को करेगी। राष्ट्रीय स्तर पर कुल 154 नामाें की अनुशंसा होगी। इनमें से 50 शिक्षकों (अधिकतम 54) को 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिया जाएगा।
यह होती है चयन प्रक्रिया
⇒ जिला चयन समिति : जिला शिक्षा अधिकारी इसके अध्यक्ष होते हैं। इसके अलावा इसमें दो और लोग होते हैं। ये लोग आवेदनों की सत्यापन, मूल्यांकन और अंकन करते हैं। प्रत्येक जिले से अधिकतम 3 शिक्षकों का नाम राज्य चयन समिति को भेजा जाता है। विशेष परिस्थितियों में, उत्कृष्ट शिक्षकों (विशेष शिक्षक/दिव्यांग शिक्षक) को भी विचार में लिया जा सकता है।
⇒ राज्य चयन समिति : राज्य शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव/सचिव इस समिति के अध्यक्ष होते हैं। राज्य स्तर पर टॉप-6 की सूची तैयार कर राष्ट्रीय स्तर पर भेजी जाती है।
⇒ राष्ट्रीय स्वतंत्र जूरी : पांच सदस्यीय जूरी, जिसमें कम से कम दो सरकारी अधिकारी (संयुक्त सचिव या उससे ऊपर)। जूरी आवेदन पत्र और प्रेजेंटेशन (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से) के आधार पर चयन करेगी। अधिकतम 50 शिक्षकों को पुरस्कार दिया जाएगा (इसमें दिव्यांग शिक्षकों के लिए दो विशेष स्थान शामिल हैं)। सूची शिक्षा मंत्री को भेजी जाती है, जिनकी स्वीकृति के बाद पुरस्कार दिया जाता है।
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