बेगूसराय | राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय, बेगूसराय में मंगलवार को 10वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्घाटन करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त डॉक्टर परमेश्वर अरोड़ा ने कहा कि जल के उचित उपयोग से विभिन्न तरह की बीमारियां ठीक हो सकती हैं। हमें बहुत ज्यादा जल पीने की आवश्यकता नहीं है। जल के सीमित प्रयोग से हम विभिन्न तरह की बीमारियों मधुमेह आदि को सही रास्ते पर ला सकते हैं। हमारे शरीर के लिए जल प्रबंधन बड़ा महत्व रखता है। उन्होंने जल संरक्षण पर भी जोर दिया।
जन-जन का विज्ञान बन चुका है आयुर्वेद : डॉ. श्रीनिवास त्रिपाठी
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर श्रीनिवास त्रिपाठी ने कहा कि आज आयुर्वेद की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और यह जन-जन का विज्ञान बन चुका है। यह एक वैज्ञानिक पद्धति है और इसे अपनाकर हम विभिन्न बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। यह जीवन का विज्ञान है। डॉक्टर जीपी शुक्ला ने आयुर्वेद को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए आयुष मंत्रालय एवं वर्तमान राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार प्रकट किया।

आंखों के इलाज में तर्पण क्रिया कारगर : डॉ. मुकेश
सेमिनार में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश कुमार ने उपस्थित शिक्षकों एवं छात्रों के बीच शास्त्रों में वर्णित तर्पण क्रिया का लाइव डेमोंसट्रेशन किया। उन्होंने कहा कि तर्पण क्रिया से हम आंख के विभिन्न रोगों का इलाज कर सकते हैं। आज के समय में तर्पण क्रिया आंखों के विभिन्न रोगों में बहुत ज्यादा कारगर है।
दर्द से निजात दिलाने का प्रभावकारी माध्यम है कपिंग थेरेपी
सेमिनार का दूसरा लाइव डेमोंसट्रेशन पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर आनंद मिश्रा ने प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने “कपिंग थेरेपी” की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस माध्यम से हम किस तरह से पेन मैनेजमेंट कर सकते हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि मरीज को दर्द से निजात दिलाने के लिए यह थेरेपी बहुत प्रभावकारी एवं उन्नत है।
वैज्ञानिक सत्र में एंटीडोट इन आयुर्वेद की जानकारी दी
समारोह का तीसरा वैज्ञानिक सत्र अनिल कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसमें उन्होंने “एंटीडोट इन आयुर्वेद” की जानकारी दी। आयोजन में डॉ. जीपी शुक्ला, डॉ. अखिलेश कुमार सिंह, डॉ. अखिलेश जायसवाल, डॉ. रमन रंजन, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह, डॉ. लाल कौशल कुमार, डॉ. माधुरी कुमारी, डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा, डॉ. किश्वर सुल्ताना आिद ने अपनी सहभागिता दी। आयोजन के पूर्व भगवान धन्वंतरि की वंदना एवं दीप प्रज्वलन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजीव कुमार एवं डॉ. बिजेंद्र कुमार ने किया।












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