- मध्य विद्यालय बीहट में यूनिसेफ बिहार के स्टेट कंसलटेंट निकेत कुमार झा का संवाद
- “स्वच्छता ही सेवा” अभियान के तहत स्कूल के इको क्लब और बाल संसद के बच्चों को दी प्रेरणा
बेगूसराय (बीहट) | स्वच्छता, ऊर्जा और जल संरक्षण कोई वैकल्पिक विषय नहीं बल्कि जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए। बच्चे अपने विद्यालय और समुदाय में स्वच्छता के अग्रदूत बनें। ये बातें यूनिसेफ, बिहार चेप्टर के स्टेट कंसलटेंट निकेत कुमार झा ने मध्य विद्यालय बीहट के बच्चों से कही। वे “स्वच्छता ही सेवा” अभियान के तहत स्कूल में आयोजित दो दिवसीय विशेष संवाद सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इको क्लब, बाल संसद और मीना मंच के प्रतिनिधि बच्चों के साथ गहन बातचीत की।
हमें छात्र जीवन से ही आदतें विकसित करनी होंगी : निकेत झा ने कहा कि जर्मनी आज “नो डस्टबिन कंट्री” कहलाता है और जापानियों का स्वच्छता व्यवहार पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत है। हम यदि छात्र जीवन से ही स्वच्छता और संरक्षण की आदतें विकसित कर लें तो हमारा बिहार और भारत भी वैश्विक स्तर पर अनुकरणीय बन सकता है। इस दौरान उन्होंने विद्यालय में चल रहे नेशनल स्कूल गेम्स प्रशिक्षण सह अभ्यास शिविर का भी अवलोकन किया। हॉकी, रग्बी, हैंडबॉल, वॉलीबॉल, थांगटा, गटका, कुश्ती, सेपकटकरा, जूडो, कराटे, वूशु, शतरंज, टेबल टेनिस में भाग ले रहे खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।

बच्चे केवल किताबों से नहीं बल्कि समाज और प्रकृति से जुड़कर भी सीखते हैं : कार्यक्रम की संयोजक और इको क्लब व बाल संसद की नोडल शिक्षक अनुपमा सिंह ने कहा कि विद्यालय तभी जीवंत बनता है जब उसके विद्यार्थी केवल किताबों तक सीमित न रहकर समाज और प्रकृति से जुड़कर सीखते हैं। स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत जैसी गतिविधियां बच्चों में नेतृत्व और जिम्मेदारी दोनों का विकास करती हैं।
स्वच्छता केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, राष्ट्र निर्माण की बुनियादी शर्त है : रंजन कुमार
प्रधानाध्यापक रंजन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा स्वच्छता केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण की बुनियादी शर्त है। ऐसे संवाद बच्चों के भीतर आत्मविश्वास, जिम्मेदारी और स्वावलंबन की भावना को मजबूत बनाते हैं। बच्चों ने भी अपनी बातों और अनुभवों को साझा किया तथा संकल्प लिया कि वे न केवल विद्यालय बल्कि अपने घर-परिवार और मोहल्ले में भी स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाएंगे।











