- महागठबंधन से राजद के नरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह भी करेंगे नामांकन
- सीपीएम भी अपनी दावेदारी देने से पीछे नहीं हट रही
बेगूसराय | मटिहानी विधानसभा क्षेत्र इस बार जिले ही नहीं वरन पूरे राज्य के लिए हॉट सीट बनने जा रहा है। यहां महागठबंधन की गांठ में ऐंठन इतनी है कि दिल्ली में भी नहीं सुलझ रही। रविवार को इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अभय कुमार उर्फ सार्जन सिंह ने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि वे 16 नवंबर को नामांकन का पर्चा दाखिल करेंगे।
रविवार को गांधी आश्रम में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि पार्टी की CEC (चीफ इलेक्शन कमेटी) ने अपने फैसले से राजद को अवगत करा दिया है। बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने मुझे चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा है। यह कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है और कांग्रेस पहले से ही इस बात की डिमांड करती आ रही है कि बेगूसराय जिले में उसका तीन सीटों (बेगूसराय, मटिहानी और बछवाड़ा) पर दावा बनता है। पार्टी ने तीनों सीटों के लिए उम्मीदवार के नाम तय कर लिए हैं। घोषणा होनी बाकी है।

2005 और 2010 में लड़ चुके चुनाव
अभय कुमार उर्फ सार्जन सिंह मटिहानी विधानसभा सीट से दो बार (2005 और 2010) विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि दोनों बार इन्हें दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा है। दोनों बार उन्हें नरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने हराया। वर्ष 2005 के अक्टूबर में हुए चुनाव में जहां बोगो सिंह को 47906 मत मिले थे वहीं दूसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस के सार्जन सिंह को 25518 और सीपीआइ के राजेन्द्र राजन को 19963 वोट मिले थे। साल 2010 में बोगो सिंह ने कांग्रेस के सार्जन सिंह को करीब 24 हजार वोटों से हराया था। इस चुनाव में बोगो सिंह को 60530 और सार्जन सिंह को 36702 वोट हासिल हुआ था।
महागठबंधन में शामिल हैं कांग्रेस, राजद और वाम दल
मटिहानी से चुनाव लड़ने के लिए महागठबंधन में रार शुरू है। कांग्रेस, राजद और वाम दल तीनों महागठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन तीनों ही दल अपनी-अपनी दावेदारी दे रहे हैं। राजद से अब तक बोगो सिंह की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है। उन्होंने क्षेत्र की जनता से 16 नवंबर को अपने नामांकन में शामिल होने की अपील कर रखी है। वहीं अब कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सार्जन सिंह ने भी कहा कि वे भी 16 नवंबर को कांग्रेस की ओर से नामांकन दाखिल करेंगे। हालांकि सीपीएम की भी अपनी दावेदारी है। पार्टी का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यह सीट नहीं छोेड़ेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि महागठबंधन के सभी दल चुनाव मैदान में उतर किसकी जीत का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
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