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जस्टिस सूर्यकांत बने देश के 53वें CJI

जस्टिस सूर्यकांत ने 24 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में देश के 53वें CJI के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई
  • जस्टिस सूर्यकांत ने हिन्दी में शपथ ली

नई दिल्ली | जस्टिस सूर्यकांत ने 24 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में देश के 53वें CJI के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने हिन्दी में शपथ ली। सीजेआइ सूर्यकांत का कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक रहेगा। इस दौरान उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व सीजेआइ बीआर गवई और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आदि मौजूद थे। शपथ ग्रहण के बाद सीजेआइ सूर्यकांत ने सुप्रीम कोर्ट में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

छह देशों के मुख्य न्यायाधीश हुए शामिल
CJI सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में भूटान, केन्या, मलयेशिया, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के जज शामिल हुए। ऐसा पहली बार हुआ जब किसी भारतीय मुख्य न्यायाधीश के शपथ ग्रहण में इतनी संख्या में विदेशी न्यायिक प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए।

हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल से सीजेआइ तक का सफर
जस्टिस सूर्यकांत ने 1985 में हिसार से वकालत शुरू की। 7 जुलाई 2000 को महज 38 साल की उम्र में वे हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट का दर्जा मिला। 9 जनवरी 2004 में हाईकोर्ट के जज, 5 अक्टूबर 2018 में हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और 24 मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने। उसके बाद 24 नवंबर को उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेकर एक नया इतिहास रच दिया।

पिता मदन गोपाल शास्त्री संस्कृत के अध्यापक रहे
10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले के पेटवाड़ गांव में जन्मे सूर्यकांत का बचपन साधारण परिवेश में बीता। पिता मदन गोपाल शास्त्री गांव के स्कूल में संस्कृत के अध्यापक रहे। सूर्यकांत ने प्रारंभिक पढ़ाई गांव के स्कूल से पूरी की और गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, हिसार से 1981 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से 1984 में एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। 1985 में चंडीगढ़ स्थित पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की।

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हिमांशु शेखर

17 वर्षों से पत्रकारिता का सफर जारी। प्रिंट मीडिया में दैनिक भास्कर (लुधियाना), अमर उजाला (जम्मू-कश्मीर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), दैनिक जागरण (पानीपत-हिसार) और दैनिक भास्कर (पटना) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में कार्य करने के बाद पिछले एक साल से newsvistabih.com के साथ डिजिटल पत्रकारिता।
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