- जनवरी 2024 में आठ हाई स्कूलों के प्रधानाध्यापक ने मैट्रिक परीक्षार्थियों का फॉर्म जमा नहीं किया था
- एडमिट कार्ड नहीं आने पर सैकड़ों विद्यार्थियों ने हंगामा काटा था, इसके बाद डीईओ ने एक्शन लिया
- तत्कालीन डीईओ शर्मिला राय ने इन सभी वेतन रोकते हुए 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा था
- जून महीने तक किसी भी प्रखंड डीडीओ को यह पत्र नहीं मिला और प्रधान वेतन उठाते रहे
- शिक्षा दरबार में वेतन शुरू करने का आवेदन लेकर एक प्रधान आए तो मामले से पर्दा उठा
बेगूसराय | जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों की कार्यशैली लाजवाब है। डीईओ ने आठ हाई स्कूलों के प्रधानाध्यापक के वेतन रोकने का जो पत्र 6 फरवरी 2024 को जारी किया था वह पत्र इन्हें सातवें महीने अर्थात जुलाई में जाकर मिल रहा है। वेतन रोकने के आदेश के बावजूद इनको तनख्वाह मिलती रही। इनमें से एक प्रधानध्यापक ने जब मई माह का वेतन नहीं मिलने की शिकायत डीईओ राजदेव राम से की तो मामले का खुलासा हुआ। डीईओ कार्यालय के कर्मचारियों की यह कार्यशैली घोर लापरवाही को कम भ्रष्टाचार को ज्यादा दर्शाती है।
इन विद्यालय के प्रधानों का वेतन रोकने का दिया था आदेश
जनवरी 2024 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदािधकारी शर्मिला राय ने उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय राजोपुर डंडारी, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कटरमाला डंडारी, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय रसलपुर साहेबपुरकमाल, बंशीधर प्लस टू विद्यालय डंडारी, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय सनहा पश्चिम साहेबपुरकमाल, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय सादपुर साहेबपुरकमाल, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मसूदनपुर बलिया और जोहारीलाल उत्क्रमित विद्यालय साहेबपुरकमाल के प्रधानाध्यापक को 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा था। इसके बाद 6 फरवरी 2024 को इन विद्यालयों के प्रधान का वेतन रोकने का आदेश जारी किया था।
जानिए, वेतन रोकने का आदेश क्यों दिया
दरअसल, इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक ने मैट्रिक परीक्षा 2024 के लिए छात्रों का फाॅर्म जमा नहीं किया था। इसी कारण कई छात्रों का एडमिट कार्ड नहीं आया और वे परीक्षा देने से वंचित रह गए। जब छात्रों ने हंगामा किया तो मामला डीईओ तक पहुंचा और तत्कालीन डीईओ शर्मिला राय ने 19 जनवरी को एक्शन लेते हुए इन्हें 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा था।स्पष्टीकरण नहीं देने पर 6 फरवरी 2024 को वेतन रोकने का आदेश जारी किया गया।
वेतन जारी करवाने आए थे, अब उलटे बुरे फंसे
उच्च माध्यमिक विद्यालय राजोपुर प्रखंड डंडारी के प्रभारी प्रधानाध्यापक रामप्रवेश पंडित ने शिक्षा दरबार में जून महीने से वेतन शुरू करने का आवेदन दिया था। उन्होंने आवेदन के साथ वो पत्र भी लगाया था जो तत्कालीन डीईओ शर्मिला राय ने 19 जनवरी 2024 को जारी किया था। जब डीईओ राजदेव राम ने इस पत्र को देखा तो उन्होंने रामप्रवेश पंडित को स्पष्टीकरण जारी करते हुए पूछा है कि जब आपका वेतन बंद था तो अब तक वेतन कैसे लेते रहे। वहीं सूत्रों की मानें तो इनमें से कई प्रधान ऐसे हैं जिन्हें अब तक वेतन मिल रहा है। अब डीईओ राजदेव राम ने सभी प्रधानों को पत्र जारी करते हुए स्प्ष्टीकरण मांगा है।
सबसे अहम सवाल : किसने इतने दिनों तक पत्र को रोके रखा
अब सबसे अहम सवाल यह है कि जो पत्र जनवरी 2024 में जारी किया गया था उसे संबंधित विद्यालय प्रधान और प्रखंड डीडीओ तक पहुंचने में इतना समय कैसे लग गया? अब देखना है कि इस मामले में कौन-कौन दोषी साबित होता है और किसे सजा मिलती है।