Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

Download App from

HOUSEKEEPING : स्कूलों में साफ-सफाई के नाम पर खानापूर्ति, एजेंसी और प्रधानाध्यापकों को गिरेगी गाज

प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में हाउसकीपिंग के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एजेंसी केवल बिल बनाकर राशि प्राप्त कर रही है।
  • बेगूसराय में 1600 से अधिक प्राथमिक-मध्य विद्यालयों में एजेंसी से करवाई जा रही साफ-सफाई
  • करीब 5 करोड़ रुपए है सफाई कार्य का सालाना बजट
  • प्रति शौचालय सफाई के लिए 50 रुपए है निर्धारित
  • माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में सफाई विद्यालय विकास कोष की राशि से होती है

बेगूसराय | शिक्षा विभाग के पूर्व अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विद्यालयों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया था। उन्होंने आदेश दिया था कि जो भी अधिकारी विद्यालय जांच करने जाएं तो यह देखें कि बाथरूम साफ है या नहीं। विद्यालय में साफ-सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है या नहीं, इसकी रिपोर्ट करें। इसी के मद्देनजर हाउसकीपिंग के लिए एजेंसी को ठेका दिया गया था। जिले में जटाशंकर ठाकुर स्मृति सेवा संस्थान ने प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में साफ-सफाई का ठेका लिया है। जिले में करीब 1600 प्राथमिक और मध्य विद्यालय हैं, जहां एजेंसी विद्यालय और शौचालयों को साफ कराती है। अब इसे लेकर कई स्थानों से शिकायत मिली है कि साफ-सफाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। कहीं-कहीं साफ-सफाई हाे ही नहीं रही और बिल भी पास हो जा रहा। जिस भी विद्यालय में ऐसा हो रहा वहां के प्रधनाध्यापक के अलावा एजेंसी भी गाज गिरेगी। हाउसकीपिंग के नाम पर जिले में सालाना बजट करीब 5 करोड़ रुपए का है। इतनी रकम होने के बावजूद एजेंसी साफ-सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर रही है।

प्रधानाध्यापकों ने एजेंसी के सचिव पर आरोप लगाया
कई विद्यालय प्रधान ने एजेंसी के सचिव पंकज कुमार ठाकुर पर विद्यालयों में साफ-सफाई नहीं करवाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि ज्यादातर विद्यालयों में अनियमित रूप से सफाई कराई जा रही है। बता दें कि विभाग की ओर से प्रत्येक शौचालय की सफाई के लिए 50 रुपए निर्धारित किया गया है। एजेंसी को शौचालय सफाई की सामग्री भी उपलब्ध करानी है। बताते चलें कि माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में सफाई की राशि विद्यालय विकास कोष से दी जाती है। जबकि प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में सफाई के लिए शिक्षा विभाग की ओर से राशि मुहैया करवाई जाती है।

सवाल : अगर विद्यालयों की जांच हो रही तो फिर गड़बड़ी कैसे
सवाल उठता है कि अगर विद्यालयों की जांच की जा रही है तो क्या साफ-सफाई व्यवस्था नहीं देखी जा रही। या फिर कागजी कार्रवाई कर एजेंसी को राशि मुहैया करवाई जा रही है। इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने कहा कि जो भी विद्यालय प्रधान बिना साफ-सफाई करवाए एजेंसी को एनओसी देते हैं तो उसमें उनकी भी सहमति मानी जाएगी। इसलिए कोई भी विद्यालय प्रधान बिना साफ-सफाई करवाए विवरणी की अधिकतम रिपोर्ट नहीं देंगे। अगर विभाग द्वारा कोई भी अधिकारी जांच करते हैं और पाया जाता है कि साफ-सफाई नहीं हुई है तो विद्यालय प्रधान और समिति पर भी कार्रवाई होगी।

Leave a Comment

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

Digital marketing for news publishersHUF Registration Services In India

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: wetter in Indien morgen

राशिफल

error: Content is protected !!