- बिहार के सरकारी स्कूलों के तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों की पढ़ाई में सुधार नहीं दिख रहा
- शिक्षा विभाग ने 1000 स्कूलों के 25000 बच्चों की पढ़ाई की जांच की, बच्चों को पढ़ने और गणित में दिक्कत हो रही
- हर सोमवार को बच्चों का टेस्ट होगा, जिसमें पहले घंटे में रीडिंग टेस्ट और दूसरे घंटे में गणित का टेस्ट लिया जाएगा
पटना | बिहार के सरकारी स्कूलाें में बच्चों की गणित कमजाेर है। वे सही से किताबों की रीडिंग भी नहीं लगा पा रहे हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि सरकार खुद कह रही है। शिक्षा विभाग ने खुद 1000 स्कूलों के 25000 बच्चों की जांच करके यह पाया है। और ऐसे हालात तब हैं जब प्रदेश में लाखों शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। बच्चों की पढ़ाई सुधारने के लिए सरकार ने नया एक्सपेरिमेंट शुरू किया है। इसके तहत सभी स्कूलों में रोजाना एक घंटे की स्पेशल रीडिंग क्लास और मैथ्स की क्लास लगाने का आदेश दिया गया है। हर सोमवार को टेस्ट भी होगा। स्कूलों में पहली घंटी में गणित की पढ़ाई होगी और दूसरी घंटी में बच्चों से रीडिंग लगवाई जाएगी। फिलहाल यह शेड्यूल तीन महीने के लिए है।
ऐसा क्यों : ताकि बच्चों का रिजल्ट बेहतर हो
शिक्षण सत्र समाप्त होने में तीन महीना बचा है। मार्च में वार्षिक परीक्षा होती है। इस दरम्यान सभी विद्यालयों में प्रतिदिन कक्षा 1 से 8 तक छात्र के लिए Basic Math और Maths के प्रश्नों को त्वरित गति से हल करना सिखाया जाएगा। इससे परीक्षा में बेहतर परिणाम आएगा।

1 thought on “सरकारी स्कूलों में पहली घंटी में Math की पढ़ाई और दूसरी में रीडिंग कराई जाएगी”
It’s good to start math and reading in first and second period in every govt school. Education dept has sent instruction to the school administration to sent live stream about in what way they are imparting syllabus to the students. Biggest drawback is that teachers don’t know how to go about the syllabus without any planning. Teachings substandard in the govt school. It’s shall be made mandatory for the teachers to give performance test every three months to maintain academic standard.