Download App from

राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के चौथे दिन मैथिली नाटक कांट का हुआ मंचन

आशीर्वाद रंगमंडल के तत्वावधान में सोमवार को दिनकर कला भवन में 10वां राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के चौथे दिन मैथिली नाटक कांट का मंचन किया गया।

बेगूसराय । आशीर्वाद रंगमंडल के तत्वावधान में सोमवार को दिनकर कला भवन में 10वां राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के चौथे दिन मैथिली नाटक कांट का मंचन किया गया। महोत्सव के प्रथम सत्र में समारोह का उद्घाटन मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। मंचासीन अतिथि एसबीआई बेगूसराय के क्षेत्रीय प्रबंधक ब्रजकिशोर कुमार, सिविल सर्जन अशोक कुमार, गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेन्द्र प्रसाद सिंह, भारतीय मजदूर संघ आईओसीएल के प्रवेंद्र कुमार, नाटककार प्रदीप बिहारी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय कुमार, बीजेपी नेता मनीष कुमार, वरिष्ठ रंगकर्मी दीपक सिन्हा, एसबीआई के सेवानिवृत बैंक अधिकारी प्रभाकर कुमार से संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित किया। स्वागतकर्ता ललन प्रसाद सिंह, फेस्टिवल डायरेक्टर डॉ. अमित रौशन एवं अभिजीत मुन्ना ने अतिथियों को चादर और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया। अतिथियों ने कला संस्कृति के विकास को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा कि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए नाटक एवं कला की अन्य विधा का विकास जरूरी है। इसके लिए समाज के लोगों को सहयोग करनी चाहिए। उन्होंने आशीर्वाद नाट्य महोत्सव की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह का आयोजन निरंतर होते रहना चाहिए। मौके पर वरिष्ठ रंग समीक्षक अजीत राय, प्रदीप बिहारी, मेनका मल्लिक, अभिजीत कुमार मुन्ना, अमरेन्द्र कुमार सिंह, वरिष्ठ रंग निर्देशक अवधेश, परवेज यूसूफ, रामानुज राय समेत सैकड़ों दर्शक मौजूद थे।

मध्यवर्गीय य परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है कांट की कहानी 

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में साहित्य अकादमी से सम्मानित साहित्यकार सह नाटककार प्रदीप बिहारी का मैथिली नाटक कांट का मंचन किया गया। कांट की कहानी एक बच्ची पर हुए यौन हिंसा और उसके युवा होने पर भी उसके जीवन पर घटना के दुष्प्रभाव को दिखाता है। कहानी एक मध्यम वर्गीय परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। परिवार में पिता के रूप में रामशरण व उसकी पत्नी सुनीता तथा बेटी पुनीता है। पुनीता जब सातवीं कक्षा में पढ़ती थी तो उसके साथ समाज के कुछ दुराचारी लोग बलात्कार करते है ंतथा उसके शरीर को बुरी तरह से चोटिल कर उसके ही घर के आगे फेंक देते हैं। यह घटना उसे मानसिक रूप से बीमार बना देती है। पुरुष का स्पर्श उसे कांट की तरह जीवन भर चुभने लगता है। युवा होने पर समाज के रीति-रिवाज को निभाने तथा परिवार के दबाव में वह विवाह करने को तैयार हो जाती है। विवाह के बाद उसी रात्रि दूल्हा जिसका नाम नवदीप है उसके स्पर्श से पुनीता पुनः असहज होने लगती है। नवदीप बुद्धिजीवी वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। पुनीता के ऊपर पूर्व घटित घटना की पूरी जानकारी लेता है तथा एक चिकित्सक की भांति उसके मन के विकार को निकालता है और पुनीता को सुखमय जीवन देने का वादा करता है।

इन कलाकारों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका 

रंग सृजन आर्ट एंड सोशल एसोसिएशन के तत्वावधान में सचिन कुमार के निर्देशन में प्रस्तुत किए गए नाटक कांट में ईशा ने पुनिता, डॉली कुमारी ने पुनीता की मां, रिया ने सुरभि, सचिन से रामशरण, मोहित मोहन ने रामाशीष, मृणाल गौतम ने नवदीप, सूरज ने नवदीप के पिता का जीवंत अभिनय किया। वहीं प्रकाश परिकल्पना मकसूदन कुमार, ध्वनि अमन शर्मा, मंच सज्जा अमन शर्मा और मृणाल गौतम ने किया। फेस्टिवल डायरेक्टर डॉ. अमित रौशन ने बताया कि मंगलवार को हृषिकेश सुलभ लिखित उपन्यास का नाट्य रूपांतरण स्मॉल टाउन जिंदगी का मंचन होगा। वहीं 26 मार्च को नाट्य महोत्सव का समापन हमीदाबाई की कोठी नाटक के मंचन से होगा।बेगूसराय के दर्शकों की भीड़ रोज ब रोज बढ़ रही है।

Picture of हिमांशु शेखर

हिमांशु शेखर

17 वर्षों से पत्रकारिता का सफर जारी। प्रिंट मीडिया में दैनिक भास्कर (लुधियाना), अमर उजाला (जम्मू-कश्मीर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), दैनिक जागरण (पानीपत-हिसार) और दैनिक भास्कर (पटना) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में कार्य करने के बाद पिछले एक साल से newsvistabih.com के साथ डिजिटल पत्रकारिता।
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

Digital marketing for news publishersHUF Registration Services In India

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: wetter in Indien morgen

राशिफल

error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x