डॉ. नवीन कुमार, होम्योपैथी चिकित्सक, बेगूसराय
मानसून का सीजन चल रहा है। मौसम बदल चुका है। इस बदलते मौसम में स्वास्थ्य के प्रति लोगों को सजग रहना चाहिए। खासकर बच्चों (नवजात) की सेहत को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। भीषण गर्मी के बाद जब बारिश होती है तो जमीन से गर्म वाष्प निकलती है। परिणामस्वरूप वायुमंडल में एवं जल में कई प्रकार के हानिकारक तत्व होते हैं, जिनके मिलने के कारण मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
जानिए, बच्चों को क्या-क्या परेशानी होती है
इस मौसम में बच्चों में दस्त, पेचिस, गैस तथा पेट दर्द उल्टी, सर्दी-खांसी, निमोनिया, बुखार, खुजली एवं कुछ चर्म रोग के लक्षण दिखने लगते हैं। नवजात बच्चों को बरसाती ठंढी हवा न लगे इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वहीं वयस्कों के शरीर में अत्यधिक अम्ल का निर्माण होने लगता है। इससे उनमें पाचन शक्ति कमजोर होने लगती है। शरीर दुर्बल होने के साथ ही वायु दोष होने लगता है। जिस कारण लोग पेट संबंधी रोग से परेशान होने लगते हैं।
क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए

ऐसे मौसम में पानी शुद्ध एवं उबला हुआ या फिल्टर्ड ही पीना चाहिए। वस्त्र हल्के सूती शीघ्र सूखने वाले ही पहनें। गीले एवं नम कपड़ों से चर्म रोग होने की आशंका रहती है। वर्षा में भींग जाएं तो हल्के गर्म जल से स्नान करना चाहिए। वर्षा ऋतु में हरी पत्ती वाली सब्जियों में कीड़े लग जाते हैं इसलिए पत्ती वाली सब्जी खाने से परहेज करें। आसपास एवं घर में बरसात का पानी एकत्र न हो। पानी जमने से कीटाणु-जीवाणु से उत्पन्न रोग मलेरिया, टाइफाइड, वायरल बुखार होने का खतरा रहेगा।
- ऐसे में होमियोपैथ की कौन सी दवा कारगर
1. सर्दी बुखार जुकाम होने पर एकोनाइट डलकामारा, रस टॅक्स, एलियम सेपा, फेरम फॉस, ब्रायोनिया, नेटरम सल्फ आदि को लक्षण अनुसार लिया जा सकता है। - उदर विकार, उल्टी, मतली, दस्त आदि व्याधियों में
1. यदि मसालेदार गरिष्ठ भोजन अधिक मात्रा में खाया गया हो तो नक्सवोमिका,
2. ज्यादा चिकनाई युक्त एवं पौष्टिक केक पेस्ट्री खाने में पलसेटीला
3. आइसक्रीम, बासी भोजन, दूषित फल, पानी आदि से उदर विकार होने पर आर्सेनिक एल्बम
4. थोड़ा खाने से पेट भरना, नीचे की तरफ पेट में भारीपन-दर्द, पेट में दाहिनी तरफ विकार में लाइकोपोडियम
5. डकार मुंह में पानी, अपच आदि लक्षण में कार्बो वेज, चाईना को लक्षण के अनुसार ले सकते हैं।
(नोट : किसी भी दवा का सेवन डाॅक्टर परामर्श के बिना नहीं करें)
