बेगूसराय (मटिहानी) | मटिहानी प्रखंड के रामदीरी नकटी हेल्थ वेलनेस सेंटर पर ‘स्टॉप डायरिया अभियान-2024’ का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद सिंह, डीआईओ डॉ. गोपाल मिश्रा, मटिहानी चिकित्सा प्रभारी डॉ. अभिनव प्रियदर्शी ने फीता काटकर किया। सिविल सर्जन ने कार्यक्रम में कहा कि डायरिया से होने वाली मृत्यु दूर को शून्य पर लाना ही एकमात्र लक्ष्य है। यह अभियान 22 सितंबर तक चलाया जाएगा। वैसे यह अभियान एक पखवाड़े का था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे दो माह और चलाने का निर्णय लिया है।
शिशु मृत्यु के प्रमुख कारणों में डायरिया भी शामिल
डीआईओ डॉ. गोपाल मिश्रा ने कहा कि यह अभियान बच्चों के स्वस्थ भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम है। आज भी डायरिया शिशु मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। एक अनुमान के मुताबिक राज्य में प्रति वर्ष लगभग 27 लाख बच्चे डायरिया से पीड़ित होते हैं। कई बच्चों की जान चली जाती है। डायरिया आसानी से ठीक होने वाली बीमारी है।
विषाणु या जीवाणु के कारण होता है डायरिया
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अभिनव प्रियदर्शी ने कहा कि डायरिया एक संक्रामक बीमारी है जो सामान्यतः जीवाणु या विषाणु के कारण होता है। यह बीमारी तब फैलती है जब कोई स्वस्थ व्यक्ति गंदे हाथों से भोजन करता है या संक्रमित व्यक्ति के मल में मौजूद रोगाणुओं से दूषित पानी या खाद्य पदार्थों का सेवन करता है।
रोटा वायरस का टीका जरूर दिलाएं
डीसीएम ऋषिकेश कुमार ने कहा कि डायरिया पर नियंत्रण के लिए 6 माह तक शिशु को केवल स्तनपान, पर्याप्त पूरक आहार और विटामिन-ए देने की आवश्यकता है। उन्होंने रोटा वायरस के टीकाकरण को भी महत्वपूर्ण बताया। पीरामल फाउंडेशन के दीपक मिश्रा ने डायरिया की रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयासों एवं जनसामान्य में इसके प्रति जागरूकता फैलाने पर बल दिया।
जानिए, डायरिया से कैसे बचा जाए
डायरिया के प्रसार को रोकने के लिए हमें खुले में शौच से परहेज एवं शौच के बाद व खाने से पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना बहुत आवश्यक है। हमें दूषित पेयजल एवं खाद्य पदार्थों के सेवन से भी परहेज करना चाहिए। बच्चे को यदि डायरिया हो जाए तो जिंक-ओआरएस का प्रयोग लाभकारी होता है।