पटना | शनिवार को स्कूल जाने के दौरान दानापुर में गंगा नदी में एक बीपीएससी शिक्षक के बह जाने के बाद शिक्षा विभाग की नींद खुली। विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने सभी जिले के डीएम को एक पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि राज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अवस्थित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों/कर्मियों को विद्यालय आने-जाने में नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। नाव के ससमय अनुपलब्ध रहने की स्थिति शिक्षक/कर्मियों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में अवस्थित सरकारी विद्यालयों (प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक) में कार्यरत शिक्षक/कर्मियों के विद्यालय आवागमन के संबंध में निदेश दिए गए हैं।
पढ़िए, जिलाधिकारी को क्या निर्देश दिए गए
- जिन घाटों से शिक्षक/कर्मी/बच्चे अपने विद्यालय नदी पार कर आते-जाते हैं, उन घाटों पर सरकारी नाव की व्यवस्था की जाय।
- नाव पर Life Jacket पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराया जाए, ताकि प्रत्येक सवारी Life Jacket का प्रयोग अनिवार्यतः कर सके। गोताखोर की व्यवस्था भी रहे। Life Jacket का क्रय जिला प्रशासन द्वारा किया जाए।
- विद्यालय जाने एवं लौटने के लिए निर्धारित समय को ध्यान में रखकर नाव खुलने का समय निर्धारित किया जाए। ताकि शिक्षक/कर्मी/बच्चे नाव पर सवार होकर ससमय विद्यालय पहुंच सकें एवं घर जा सकें।
- इस पर होने वाले व्यय आपदा प्रबंधन के माध्यम से नहीं होने की स्थिति में इसका वहन जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा। आवश्यकता अनुसार इसके लिए आवंटन की मांग की जाएगी। यह मात्र अगस्त एवं सितम्बर माह के लिए मुख्य रूप से लागू होगा।पढ़ें यह खबर :-
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