पटना | नीतीश सरकार ने दशकों से विद्यालयों में पढ़ा रहे नियोजित शिक्षकों को एक झटके में जूनियर बना दिया। नियोजित शिक्षक और बीपीएससी से बहाल नए शिक्षकों को लेकर शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक किसी भी विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक बीपीएससी से बहाल शिक्षक ही बनेंगे न कि वर्षों से काम कर रहे नियोजित शिक्षक।
शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने प्रभारी प्रधानाध्यापक नियुक्त करने के संबंध में निर्देश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में करीब 70 हजार सरकारी स्कूल हैं। इनमें से ज्यादातर सरकारी स्कूल प्रभारी प्रधानाध्यापक के भरोसे चल रहे हैं क्योंकि स्थायी हेडमास्टर की नियुक्ति नहीं हुई है। सूबे में ऐसे हजारों स्कूल हैं, जहां नियोजित शिक्षक प्रभारी हेडमास्टर का काम देख रहे हैं। शिक्षा विभाग के पत्र के बाद उन्हें प्रभारी हेडमास्टर के पद से मुक्त कर दिया जाएगा।
पुराने वेतनमान वाले शिक्षक भी बनेंगे प्रभारी प्रधानाध्यापक
विभाग ने पत्र में स्पष्ट किया है िक अगर किसी विद्यालय में पुराने वेतनमान वाले शिक्षक हैं तो वे ही प्रभारी प्रधानाध्यापक बनेंगे न कि बीपीएससी से नियुक्त होने वाले नए शिक्षक और नियोजित शिक्षक। पुराने वेतनमान वाले में भी जो सीनियर होंगे उन्हें ही प्रभार सौंपना होगा।
…इसी शर्त पर नियोजित शिक्षक को प्रभार
पत्र के मुताबिक नियोजित शिक्षक को तभी प्रभारी का चार्ज मिलेगा जब उस स्कूल में पुराने वेतन वाले शिक्षक या बीपीएससी से नियुक्त शिक्षक पदस्थापित नहीं होंगे। हालांिक इसकी गुंजाइश बहुत ही कम है क्योंकि प्रदेश के सभी जिले में बीपीएससी से बहाल शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है।
