- गोप गुट ने कहा- शिक्षकों के लिए काला पानी की सजा सिद्ध होगी नई नियमावली
बेगूसराय | बिहार के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए पारित स्थानांतरण नीति पर टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे घालमेल वाला और जटिल बताया। संघ के जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार मिश्र ने बताया कि इससे पहले भी सरकार ऐसी नियमावली बना चुकी है, बावजूद इसके चार वर्ष में कभी कार्यान्वित नहीं कर सकी।
स्थानांतरण एवं पदस्थापन नीति तय करते समय मानवीय पहलू पर विचार नहीं किया गया। साथ ही इसमें सभी कोटि के शिक्षकों को शामिल कर इसे खिचड़ी बना दिया गया है। प्रश्न उठता है कि जिस जिले में एक ही अनुमंडल है वहां के शिक्षक कहां जाएंगे? उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पहले सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों का ऐच्छिक पदस्थापन हो उसके बाद सभी कोटि के शिक्षकों का एक साथ ऐच्छिक स्थानांतरण हो।
सरकार पुनर्विचार करे: ज्ञान प्रकाश
संघ के जिला महासचिव ज्ञान प्रकाश ने बताया कि गृह अनुमंडल में पदस्थापन नहीं करना शिक्षकों के लिए काला पानी की सजा होगी। कई शिक्षक हैं जो सेवानिवृत्ति के करीब हैं। ऐसे में उन्हें घर से दूर भेजना उन्हें किसी कारागार में रखने से कम नहीं होगा, सरकार पुनर्विचार करें। अगर गृह प्रखंड में पदस्थापन संभव नहीं हो तो गृह प्रखंड छोड़कर पदस्थापन करे।
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