बेगूसराय। जिले के सदानंदपुर गांव निवासी डॉ. इंदु मिश्रा और डॉ. सतीश चंद्र मिश्रा के पुत्र चर्चित युवा साहित्यकार डॉ. अभिषेक कुमार को बिहार की सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन , पटना के द्वारा ” डॉ. रामप्रसाद सिंह लोक साहित्य साधना सम्मान – 2024 ” से सम्मानित किया गया है । डॉ. अभिषेक को यह सम्मान बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के दो दिवसीय महाधिवेशन मे पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ. सी .पी. ठाकुर और अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ के द्वारा प्रदान किया गया जबकी बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह और प्रख्यात गीतकार पंडित बुद्धिनाथ मिश्र जी अतिथि के रूप में मंचस्थ थे। विदित हो की बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन की स्थापना स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ही भारत के डॉ. राजेंद्र प्रसाद , भारत के प्रथम राष्ट्रपति , की प्रेरणा से 1919 में की गयी थी। कालांतर में राष्ट्र भाषा के लिए समर्पित बिहार की यह अग्रगण्य साहित्यिक संस्था न केवल प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक महत्व रखती है बल्कि साहित्य सेवियों और मनीषियों के लिए तीर्थ की तरह स्तुत्य भी है ।
स्वास्थ्य विज्ञान मेरा प्रोफेशन है तो साहित्य मेरा पैशन
नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक कुमार बताते हैं कि स्वास्थ्य विज्ञान मेरा प्रोफेशन है तो साहित्य मेरा पैशन। ” डॉ. अभिषेक की अब तक कुल तेरह किताबें प्रकाशित हो चुकी है जिसमें आठ काव्य संग्रह, दो बाल काव्य संग्रह, एक लघुकथा संग्रह, एक व्यंग्य संग्रह और बाबा नागार्जुन पर एक शोध ग्रंथ सम्मलित है। पूर्व में भी डॉ. अभिषेक को कई प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थानों के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है और इनकी किताब ” कोरोना डायरी : इंडिया फाइट्स अगेंस्ट कोविड – 19 ” को कोरोना महामारी पर आधारित पहली किताब का दर्जा ” इंफ्लुएंसर्स बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ” के द्वारा दिया जा चुका है । बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के द्वारा साहित्यकार डॉ. अभिषेक कुमार को सम्मानित किये जाने के उपरांत जिले के साहित्यकारों में हर्ष है।
साहित्यकारों ने दी बधाई
जिले के साहित्यकार शेखर सावंत, सच्चिदानंद पाठक, डॉ. भगवान प्रसाद सिन्हा, रामा मौसम, महेश भारती , दीनानाथ सुमित्र, अशांत भोला, मनोरंजन विप्लवी , मनीष कुमार पाठक , रंजू ज्योति, शगुफ्ता ताज़वर, रंजना सिंह, सुंदरम समुद्र आदि ने डॉ. अभिषेक कुमार को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की।
