- विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय हैं गुकेश
- गुकेश पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद के शिष्य हैं और उन्हीं की अकादमी में प्रशिक्षण लेते हैं
- पूरे टूर्नामेंट में गुकेश की लिरेन पर काले मोहरों से यह पहली जीत थी
- तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन देंगे 5 करोड़ रुपए
एजेंसी | भारत के ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रच दिया है। 18 वर्ष के डी गुकेश 64 खानों के खेल में दुनिया के सबसे युवा विश्व चैंपियन बन गए। वे भारत के दूसरे शतरंज खिलाड़ी हैं, जिन्होंने विश्व शतरंज चैंपियन का खिताब जीता है। उनसे पहले विश्वनाथन आनंद ने यह उपलब्धि हासिल की थी। आनंद ने अपने करियर में पांच बार यह खिताब जीता था और अब उन्होंने अपनी अकादमी के जरिए गुकेश को प्रशिक्षित कर उनके सफर में अहम भूमिका निभाई। विश्वनाथन आनंद 2000-02 व 2007-2013 तक वर्ल्ड चैंपियन थे। इधर, डी गुकेश के शतरंज वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पुरस्कार देने की घोषणा की है। सीएम स्टालिन डी गुुकेश को 5 करोड़ रुपए देंगे।
दाेनों के पास एक रुक, एक बिशप और कुछ प्यादे ही बचे थे
डोम्माराजू गुकेश ने 14वें गेम में 58 चालों के बाद चार घंटे के संघर्ष में जीत हासिल की। 55वीं चाल में डिंग लिरेन की एक भूल ने उन्हें गेम से बाहर कर दिया। दोनों के पास केवल एक रुक (rook), एक बिशप (bishop) और कुछ प्यादे बचे थे, लेकिन गुकेश के धैर्य और आक्रामक रणनीति ने उन्हें बाजी पलटने का मौका दिया। जीत के साथ गुकेश के 7.5 अंक हो गए। उन्होंने यह मुकाबला 7.5-6.5 से जीत कर विश्व खिताब जीता। अगर यह गेम भी ड्रॉ होता तो विजेता का फैसला शुक्रवार को टाई-ब्रेक से होता।
The emotional moment that 18-year-old Gukesh Dommaraju became the 18th world chess champion 🥲🏆 pic.twitter.com/jRIZrYeyCF
— Chess.com (@chesscom) December 12, 2024
गैरी कास्परोव को भी पीछे छोड़ा
गुकेश ने विश्व चैंपियन बनकर रूस के महान गैरी कास्परोव को पीछे छोड़ दिया। कास्परोव अब तक के सबसे युवा विश्व चैंपियन थे। वह 1985 में 22 वर्ष की उम्र में चैंपियन बने थे।
7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू किया
डी गुकेश का पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। पिता डॉक्टर और मां पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्ट हैं। गुकेश को शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी। नागैया इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी रहे। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को कोचिंग दी। गुकेश, आनंद शतरंज अकादमी (WACA) में ट्रेनिंग लेते हैं। गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था। तब वह ऐसा करने वाले सबसे युवा प्लेयर बने थे।
Stunning emotions as Gukesh cries after winning the World Championship title! #DingGukesh pic.twitter.com/E53h0XOCV3
— chess24 (@chess24com) December 12, 2024
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आकर्षक शीर्षक।