- विभाग की ओर 133a और 133b के तहत कार्रवाई जल्द
- जिले में सर्वे भी होगा, लोग खुद भी जागरूक हों
- आयकर विभाग की ओर से आउटरीच प्राेग्राम आयोजित
बेगूसराय | आयकर विभाग न तो लोगों को परेशान करता है और न ही इससे डरने की जरूरत है। आप ईमानदारीपूर्वक टैक्स जमा करेंगे या रिटर्न दाखिल करेंगे तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी। बल्कि इससे आपको ही फायदा मिलेगा। टैक्स भरने से आपके कारोबार को विस्तार देने में बैंक आपकी सहायता करेंगे। ये बातें बुधवार को विभाग की ओर से आयोजित आउटरीच प्रोग्राम में बिहार-झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त जयंत मिश्रा ने स्थानीय एक होटल में कही।
उन्होंने चिंता जाहिर करते कहा कि बेगूसराय में करीब 20 लाख 81 हजार 266 लाेगों के पास पैन कार्ड है, लेकिन मात्र 96 हजार लोग ही नियमित रूप से रिटर्न भर रहे हैं। यह आंकड़ा 5 प्रतिशत से भी कम है। जबकि देश में 75 करोड़ पैन कार्डधारक हैं। इनमें से मात्र 10 प्रतिशत करीब 7.5 करोड़ की टैक्स देते हैं। कार्यक्रम में मौजूद लोगों से आह्वान किया कि वे टैक्स भरने में रुचि दिखाएं और कम से कम 10% लोग रिटर्न जरूर भरें।
मार्च के बाद टैक्स जमा करने से हमें क्रेडिट नहीं मिलता
प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने कहा कि कई लोग ऐसे हैं जो टैक्स भरने के लिा मार्च का इंतजार करते हैं। इंतजार करते-करते वे मार्च की तारीख भी पार कर जाते हैं। ऐसे लोग मार्च के बाद जब टैक्स जमा करते हैं तो उन्हें ब्याज भी चुकाना पड़ता है और काम करने के बावजूद टैक्स जमा करने का क्रेडिट विभाग को भी नहीं मिलता। ब्याज देने से बेहतर है कि समय रहते टैक्स जमा करें।
विभाग का अपना भवन बनने में समय लगेगा
जिले में विभाग का अपना भवन कब तक बनेगा, के सवाल पर जयंत मिश्रा ने कहा कि इसका प्रपोजल भेजा हुआ है। प्रक्रिया चल रही है। भवन बनने में अभी समय लगेगा। इस अवसर पर बिहार के प्रधान आयकर आयुक्त तुषार धवल सिंह, पटना के अपर आयकर आयुक्त रूपेश अग्रवाल, संयुक्त आयकर आयुक्त भागलपुर निकी शेरपा, पटना के अपर आयकर आयुक्त (TDS) आशीष देहिरया, उमेश प्रसाद, राज कुमार भारती, अमित कुमार सिन्हा, संजीत कुमार, आनन्द, गौतम कुमार, ओम प्रकाश मधुकर, राहुल कुमार( सभी आयकर अधिकारी) आदि मौजूद थे।
उद्यमियों और आयकर अधिवक्ताओं ने अपनी बातें रखीं
इस आउटरीच प्रोग्राम में आइटी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समीर शेखर, वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट रवि मसकरा, आयकर के वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज जायसवाल, सीए प्रदीप भारद्वाज, अधिवक्ता सुनील सिन्हा, सत्येंद्र कुमार सिन्हा, व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह, व्यवसायी मनोज हिसारिया, आइएमए अध्यक्ष डॉ. एके राय, आइएमए सचिव डॉ. पंकज सिंह, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात कुमार आदि मौजूद थे। वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट रवि मसकरा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अपील पेंडिंग हैं। टैक्स पेयर, सीए और एडवोकेट के बीच संवाद कम होने के कारण लिटिगेशन बढ़ रहे हैं। मंच संचालन आयकर उपायुक्त संतोष कुमार वर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन आयकर अधिकारी राजकुमार भारती ने किया।


2 thoughts on “बेगूसराय में 21 लाख Pan Card धारक, रिटर्न भर रहे केवल 96 हजार : जयंत मिश्रा”
अब तो विद्यार्थियों के पेन कार्ड भी होते हैं, किसानों और मजदूरों के भी होते हैं तथा घर गृहस्थी सम्भाल रही गृहणियों के भी होते हैं । बैंक वाले जन धन का खाता खोलने में भी बतौर पहचान (KYC) के लिए PAN फोर्स करके लेते हैं । बिना PAN के स्कूली बच्चों का खाता खोलने में भी आना कानी करते हैं ।
बिना कमाए अथवा बिना कर योग्य आय अर्जित करनेवाला रोजगार लिए, लोग कहाँ से टैक्स भुगतान करेंगे ..? आयकर के अधिकारियों को ऐसे डाटा जारी करने से पहले ये भी सोचना चाहिए ।
आयकर विभाग भारत सरकार का एक प्रमुख विभाग है, जो कर संग्रहण और संबंधित नीतियों के क्रियान्वयन का कार्य करता है।
1. **पैन कार्ड की अनिवार्यता:**
पैन (Permanent Account Number) एक अद्वितीय पहचान संख्या है, जिसका उपयोग केवल आयकर भुगतान के लिए नहीं, बल्कि वित्तीय लेन-देन को ट्रैक करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। पैन को विभिन्न सेवाओं जैसे बैंक खाता खोलने, निवेश, या बड़े वित्तीय लेन-देन के लिए पहचान प्रमाण के रूप में उपयोग किया जाता है।
2. **कम आय या शून्य आय वाले व्यक्तियों पर कर का बोझ नहीं:**
आयकर कानून केवल उन व्यक्तियों पर कर लागू करता है, जिनकी वार्षिक आय कर योग्य सीमा से अधिक है। किसानों, मजदूरों, विद्यार्थियों और गृहणियों पर, यदि उनकी आय कर योग्य सीमा से कम है, तो उन्हें आयकर भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
3. **बिना आय के लोगों का पैन:**
पैन कार्ड प्राप्त करना आयकर देने की बाध्यता नहीं है। यह एक पहचान संख्या के रूप में भी काम करता है, जिसका उपयोग विभिन्न गैर-कर उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे बैंकिंग सेवाओं में। बैंक, जन धन योजना के तहत खाता खोलने में पैन को अनिवार्य नहीं करते हैं, लेकिन इसे KYC प्रक्रिया का हिस्सा बना सकते हैं।
4. **डेटा जारी करने की प्रक्रिया:**
आयकर विभाग डेटा जारी करते समय यह सुनिश्चित करता है कि केवल प्रासंगिक और आवश्यक जानकारी ही साझा की जाए। ऐसा डेटा जारी करने का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना और कर प्रशासन में पारदर्शिता लाना है।
अगर आपको किसी विशेष डेटा या प्रक्रिया से संबंधित कोई कठिनाई हो रही है, तो आप अपने निकटतम आयकर कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।