- बीमारी के इलाज के लिए 31 मार्च तक के लिए दी गई है जमानत
- वर्ष 2013 से जोधपुर जेल में बंद है आसाराम बापू
- 17 दिन की पैरोल खत्म होने के बाद छह दिन पहले ही जेल लौटा था
नई दिल्ली/एजेंसी | राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद स्वयंभू संत आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सशर्त जमानत दी। आसाराम बापू को यह जमानत मेडिकल ग्राउंड पर मिली है। कोर्ट ने आसाराम बापू को अंतरिम जमानत 31 मार्च तक दी है। जस्टिम एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि आसाराम सबूत से छेड़छाड़ की कोशिश नहीं करेगा और ही किसी भी अनुयायी से नहीं मिलेगा।
बता दें कि आसाराम बापू कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित है। आसाराम बापू 17 दिन की पैरोल खत्म होने के बाद छह दिन पहले ही राजस्थान की जोधपुर जेल लौटा था। पिछले दिनों आसाराम बापू को इलाज के लिए महाराष्ट्र ले जाया गया था। वह दुष्कर्म के मामले में पिछले 11 साल से जोधपुर के जेल में सजा काट रहा है।
किस मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा आसाराम उर्फ असुमल हरपलानी
2013 में आसाराम उर्फ असुमल हरपलानी पर आरोप लगा कि उसने जोधपुर के मणई गांव स्थित आश्रम में शाहजहांपुर (यूपी) की एक नाबालिग छात्रा का यौन शोषण किया। पीड़िता के माता-पिता ने अपनी बेटी को इलाज के लिए आसाराम पास भेजा था। आसाराम जब छात्रा के साथ गलत हरकत करने लगा तो उसने विरोध किया। इस पर आसाराम ने उसे धमकाया। बाद में पीड़िता ने माता-पिता को सारी बात बताई, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था। आसाराम बापू को इसके अलावा गांधीनगर की अदालत ने बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ भी दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ था। इस मामले में साईं को उम्रकैद हुई है। वह सूरत की जेल में बंद है।
गांधीनगर कोर्ट ने भी आजीवन कारावास दी है
आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
महाराष्ट्र के आयुर्वेदिक अस्पताल में 7 दिन चला था इलाज
अगस्त में आसाराम को दिल संबंधी बीमारी का इलाज कराने के लिए जोधपुर की सेंट्रल जेल से बाहर लाया गया था। हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को आसाराम को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सात दिनों तक इलाज कराने की अनुमति दी थी। इसके बाद 11 नवंबर 2024 को भी इलाज के लिए 30 िदनों की पैरोल मिली। फिर 10 दिसंबर 2024 को 17 दिनों के लिए पैरोल मिली थी।
त्रिनाड़ी शूल बीमारी बता महिला वैद्य उपलब्ध कराने को कहा था
जोधपुर सेंट्रल जेल भेजे जाने के एक महीने बाद ही आसाराम ने अपनी त्रिनाड़ी शूल बीमारी का जिक्र किया। 4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था कि करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाड़ी शूल बीमारी से ग्रसित हूं। मेरा इलाज महिला वैद्य नीता कर रही थी। नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल आने की अनुमति दी जाए। मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया तो ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी।
जानिए, क्या होती है त्रिनाड़ी शूल बीमारी
यह बीमारी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होती है। इसमें अचानक तेजदर्द की अनुभूति होती है जो चेहरे के एक सिरे से शुरू होकर दूसरे सिरे पर समाप्त होता है। चेहरे की सारी मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और आंखों से लगातार आंसू व मुंह से लार निकलता रहता है। दर्द एक निश्चित अंतराल में बार-बार होता है। त्रिनाड़ी शूल को ट्राई जेमिनल न्यूरेलजिया भी कहा जाता है। इस रोग को सबसे पहले विशेषज्ञ जोनलोक ने पेरिस में ब्रिटिश राजदूत की पत्नी में पाया और 1756 में निकोलस एंड्रे ने इसे टिक डोलो न्यूरोंस यानी ट्राई जेमिनल न्यूरेलजिया नाम दिया। दुनियाभर में औसतन 0.5-1% लोगों को यह रोग होता है।
सलमान खान भी इस बीमारी से थे पीड़ित, न्यूयॉर्क में कराई सर्जर
फिल्म अभिनेता सलमान खान त्रिनाड़ी शूल बीमारी यानी ट्राईजेमिनल न्यूरेलिज्या से पीड़ित थे। वर्ष 2015 में उन्होंने न्यूयॉर्क में सर्जरी कराई थी, इसके बाद उन्हें राहत मिली।

1 thought on “Supreme Court : आसाराम बापू को 11 साल बाद मिली सशर्त अंतरिम जमानत”
आशाराम बापू के जमानत को दिल्ली चुनाव से जोड़कर मत देखिए। कुछ लोग कह रहे हैं कि हरियाणा चुनाव के समय राम-रहीम को भी जेल से बाहर निकाला गया था। अब दिल्ली चुनाव है। सोचने वाले जो सोचें आशाराम बापू लंबे समय से जेल में बंद हैं। इससे कौन इंकार कर सकता है।