- कक्षा 1 से 5 के लिए परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के लिए हो रही थी काउंसिलिंग
- डीआरसीसी में काउंसिलिंग के दौरान यूपी निवासी इन फर्जी शिक्षकों को पकड़ा गया
- डीईओ राजदेव राम ने सभी के खिलाफ केस दर्ज कराया
बेगूसराय | टीआरई-3 पास करने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों (कक्षा 1 से 5) की बुधवार से काउंसिलिंग शुरू हुई। काउंसिलिंग के दौरान बेगूसराय डीआरसीसी में चार फर्जी शिक्षक अभ्यर्थी धरे गए। इनमें एक फर्जी शिक्षक मौके से भाग निकला जबकि तीन को लोगों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने चारों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। डीईओ राजदेव राम ने बताया कि फर्जी पाए गए चारों शिक्षक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। परीक्षा पास करने के लिए इन लोगों ने फर्जी तरीके से बिहार का आधार कार्ड बनवा रखा था। इसी कार्ड के आधार पर उन्होंने आवेदन किया था। जांच के दौरान पकड़े गए।
शिवशंकर गोंड ने अपनी उम्र 8 साल घटाई
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि फर्जीवाड़े में पकड़ा गया शिवशंकर गोंड मूल रूप से रामकोला, कुशीनगर (यूपी) का रहने वाला है। 1-1-1982 की जन्मतिथि वाले शिवशंकर ने यूपी के एड्रेस पर 3-9-2011 काे आधार कार्ड बनवाया था। इसने 11-8-2017 को पहली बार आधार कार्ड में डेमोग्राफिक अपडेट कराया। बिहार में शिक्षकों की बहाली निकलने पर उसने नौकरी पाने के लिए आधार कार्ड में फिर से फर्जीवाड़ा किया। इस बार 8-3-2024 को आधार कार्ड में डेमोग्राफिक अपडेट कराते हुए अपना पता दौनाहा, पश्चिम चंपारण और जन्मतिथि 1-6-1990 दिखाई है।
जानिए, कैसे किया फर्जीवाड़ा
जानकारी के अनुसार, इन चारों ने आधार कार्ड में डेमोग्राफिक चेंज करवाने से पहले फर्जी तरीके से आवासीय प्रमाणपत्र बनवाया। इसी आधार पर बिहार के निवासी होने का आधार कार्ड बनवाया। जिन फर्जी शिक्षक अभ्यर्थियों ने अपनी जन्मतिथि में हेरफेर किया है, ऐसे लाेगों ने फर्जी तरीके से बर्थ सर्टिफिकेट भी बनवाया होगा। अब देखने वाली बात होगी कि इन लोगों ने जिन जिलों का फर्जी आधार कार्ड बनवाया है वहां के ब्लॉक कर्मचािरयों पर क्या कार्रवाई होती है।
सुनिए, क्या कुछ कहा डीईओ राजदेव राम ने
