- गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में भाषा पर अधिकार विषय पर व्याख्यान आयोजित
बेगूसराय | जुनून, अनुशासन और नवाचार से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। व्याकरण किसी भी भाषा का मेरुदंड है। विद्यार्थी जब तक व्याकरण पर अपनी पकड़ नहीं बनाएंगे तब तक उनकी भाषा प्रभावकारी नहीं हो सकती। ये बातें त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू (नेपाल) के भाषा विशेषज्ञ, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डधारी संजय कुमार सिन्हा ने गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में बुधवार को ‘भाषा पर अधिकार’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में कही। संजय कुमार सिन्हा विश्वभर में लोकप्रिय ‘द किंग्स ग्रामर’ पुस्तक के लेखक भी हैं। श्री सिन्हा ने एमबीए के छात्र-छात्राओं को व्याकरण सीखने के रोचक और सरल तरीके बताए। उन्होंने व्याकरणिक चुनौतियों और त्वरित अभ्यासों में शामिल कर व्याख्यान को संवादात्मक और व्यावहारिक बनाया। श्री सिन्हा 73 घंटे 37 मिनट तक लगातार व्याकरण पढ़ाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना चुके हैं।
व्यापारिक परिवेश में भाषा की सटीकता बहुत जरूरी : प्रबंधन अध्ययन के परिप्रेक्ष्य में श्री सिन्हा ने बताया कि नेतृत्व, वार्ता और वैश्विक व्यापारिक परिवेश में भाषा की सटीकता बहुत जरूरी है। उन्होंने जटिल व्याकरणिक नियमों को सरल और व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत किया। श्री सिन्हा की प्रेरक शैली, सजीव उदाहरणों और सरल प्रस्तुति ने छात्रों को गहराई से प्रभावित किया।
भाषा कौशल के महत्व से अवगत कराना ही उद्देश्य : डॉ. सुधा झा
संस्थान की प्राचार्या प्रो. (डॉ.) सुधा झा ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को भाषा कौशल के महत्व से अवगत कराना, प्रभावी संप्रेषण के लिए व्याकरणिक ज्ञान का सही उपयोग समझाना और उन्हें आत्मविकास की दिशा में प्रेरित करना था। यह कार्यक्रम न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से समृद्ध रहा, बल्कि छात्रों को आत्मविकास और लक्ष्य प्राप्ति के लिए नई ऊर्जा से भरने वाला सिद्ध हुआ। कार्यक्रम के अंत में प्रो. मुरारी कुमार और प्रो. स्वतंत्र कुमार ने श्री सिन्हा को सम्मानित कर आभार व्यक्त किया।
