नई दिल्ली/एजेंसी | शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 पाने वाले शिक्षकों से मिले। उन्होंने कहा कि हमारे यहां शिक्षक के प्रति एक स्वाभाविक सम्मान होता है और वो समाज की एक बहुत बड़ी शक्ति भी है। शिक्षकों को आशीर्वचन के लिए खड़ा होना यह पाप है। मैं ऐसा पाप करना नहीं चाहता हूं। राष्ट्रीय पुरस्कार पाना अपने आप में कोई अंत नहीं है। अब सबका आपके ऊपर ध्यान है। इसका मतलब कि आपकी reach बहुत बढ़ गई है। पहले जो आपका influence का area होगा या command area होगा वो अब इस अवार्ड के बाद बहुत बढ़ सकता है। मैं मानता हूं कि शुरुआत यहां से होती है, मौका ले लेना चाहिए। आपके पास जो है, जितना ज्यादा परोस सकते हैं, परोसना चाहिए। और मैं मानता हूं, आपका satisfaction level बढ़ता ही जाएगा, तो उस दिशा में प्रयास करना चाहिए। इस पुरस्कार के लिए आपका चयन आपके परिश्रम, आपकी निरंतर साधना का एक प्रकार से प्रमाण है, तभी तो यह सब संभव होता है और एक शिक्षक सिर्फ वर्तमान नहीं होता है, बल्कि देश की भावी पीढ़ी को भी वो गढ़ता है, वो भविष्य को निखारता है और ये मैं समझता हूं कि ये भी देश सेवा की श्रेणी में किसी भी प्रकार से किसी की भी देश सेवा से कम नहीं है।
गुरु-शिष्य परंपरा हमारी बहुत बड़ी ताकत : हमारा देश हमेशा से गुरु-शिष्य परंपरा का उपासक रहा है। भारत में गुरु को केवल ज्ञान देने वाला नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शक माना गया है। मैं कभी-कभी कहता हूं, मां जन्म देती है, गुरु जीवन देता है। आज जब हम विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं, तब यह गुरु-शिष्य परंपरा भी हमारी एक बहुत बड़ी ताकत है। आप जैसे शिक्षक इस श्रेष्ठ परंपरा के प्रतीक हैं, आप नई पीढ़ी को सिर्फ अक्षर ज्ञान ही नहीं, बल्कि राष्ट्र के लिए जीने की सीख भी दे रहे हैं।
नवरात्रि से पहले कर दिया डबल धमाका : मैंने लाल किले से इस बार 15 अगस्त को कहा था कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म करना बहुत जरूरी है। मैंने देशवासियों से भी यह वादा किया था कि इस दिवाली और छठ पूजा से पहले खुशियों का डबल धमाका होगा। कल भारत सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर एक बहुत बड़ा निर्णय किया है। अब GST और भी ज्यादा सरल हो गया है। GST के मुख्यतः दो ही रेट रह गए हैं, 5 परसेंट और 18 परसेंट। 22 सितंबर नवरात्रि का पहला दिन है। यानि नवरात्रि से ही, देश के करोड़ों परिवारों की जो जरूरतें हैं वो और अधिक सस्ती मिलनी शुरू हो जाएंगी। इस बार धनतेरस की रौनक भी और ज्यादा रहेगी, क्योंकि दर्जनों चीजों पर टैक्स अब बहुत ही कम हो गया है।
गर्व से कहो ये स्वदेशी है- आज यह भाव देश के बच्चे-बच्चे में आना चाहिए! pic.twitter.com/MDFBG2TRCR
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2025
शिक्षकों को पीएम मोदी ने यह होमवर्क दिया : प्रधानमंत्री ने शिक्षकों से कहा कि स्कूलों में हम ऐसे कई डे मनाते हैं, “स्वदेशी डे” भी मनाएं, स्वदेशी वीक भी मनाएं, “लोकल प्रोडक्ट का डे” मनाएं, यानि हम एक कैंपेन के रूप में इस चीजों को अगर चलाएं। आप इसका नेतृत्व करें। आप समाज को नए रंग-रूप से सजने के लिए एक बहुत बड़ा contribution कर सकते हैं। जो चीजें कहां बनी, किसने बनाई और देश के लिए उसका महत्व क्या है, इस पर चर्चा होनी चाहिए। जो लोकल मैन्यूफैक्चरर्स हैं, जो पीढ़ियों से कुछ न कुछ हस्तशिल्प बना रहे हैं, ऐसे परिवारों के साथ बच्चों का मेल-मिलाप हो या उनको स्कूलों में बुलाकर, उनकी बातें सुनने का एक कोई न कोई कार्यक्रम बनाया जाए। कुल मिलाकर, मेड इन इंडिया को हमें अपने जीवन का आधार बनाना है। जो काम आप लोग हमेशा करते हैं, वो काम आज मैं कर रहा हूं, आप लोग काम करते हैं होमवर्क देने का, तो आज होमवर्क मैंने दिया है, मुझे पूरा विश्वास है कि आप उसको पूरा करेंगे।
Interacting with the National Awardee Teachers. Their work goes far beyond classrooms. They shape character and kindle curiosity in the Yuva Shakti. https://t.co/GgoTPhtmvd
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2025