- अब तक लाभ में चल बरौनी डेयरी 20 माह में 60 करोड़ के घाटे में आई
- फरवरी में सेवानिवृत्त होंगे एमडी रविंद्र प्रसाद, उससे पहले जांच की मांग
बेगूसराय | पिछले कई वर्षों से लगातार मुनाफे में चल रही बरौनी डेयरी पिछले 20 माह से करीब 60 करोड़ के घाटे में चल रही है। इतना ही नहीं बरौनी डेयरी के एमडी रविंद्र प्रसाद ने करीब 100 करोड़ की वित्तीय अनियमितताएं की हैं। इस आर्थिक अपराध की जांच काॅम्फेड पदाधिकारी के बजाय ईडी या फिर सतर्कता आयोग से कराई जाए। सबसे बड़ी बात यह कि एमडी रविंद्र प्रसाद फरवरी 2026 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे, ऐसे में यह जांच उससे पहले शुरू हो। ये बातें बरौनी डेयरी के पूर्व अध्यक्ष मोहन मुरारी ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कही।

आठ बार पत्र लिखा, 6 बार जांच हुई, रिपोर्ट एक बार भी सार्वजनिक नहीं
मोहन मुरारी ने आरोप लगाया कि डेयरी अध्यक्ष विजय शंकर सिंह से मिलीभगत कर एमडी रविंद्र प्रसाद ने लगभग 100 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता कर डेयरी को बर्बादी एवं बंदी के कगार पर पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कंफेड को आठ बार लिखा गया, जिसमें छह बार समिति जांच करने आई, लेकिन कंफेड चेयरमैन डॉ. एन. विजया लक्ष्मी ने आज तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है।
दूध की खरीद घट गई, पर परिवहन लागत बढ़ गई
बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि रविंद्र प्रसाद 30 अप्रैल 2024 को बरौनी डेयरी के एमडी बने। तभी से घाटा शुरू हुआ और वित्तीय अनियमितताएं बढ़ी हैं। उन्हाेंने कहा कि 30 अप्रैल से पहले तक डेयरी प्रतिदिन 5 लाख लीटर दूध खरीदती थी और इसके परिवहन में करीब 16.88 करोड़ रुपए खर्च होते थे, लेकिन वर्तमान में दूध खरीद में कमी आई है। अभी प्रतिदिन 4.45 लाख लीटर दूध की खरीद हो रही है। दूध खरीद में कमी के बावजूद इसके परिवहन पर 21.45 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। किसानों को वर्षों से मिलने वाली सारी सुविधाएं वर्तमान एमडी ने बंद कर दिया है। अगर बरौनी डेयरी बंद हो जाएगी तो निजी डेयरी दूध का दाम घटाकर किसानों को लूटेंगे। डेयरी के बंद होने की स्थिति में बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय एवं बाढ़ क्षेत्र के लगभग 50 लाख किसान प्रभावित होंगे।

जिससे रिकवरी करनी थी उसे कार्यपालक विपणन बनाया
बरौनी डेयरी के बोर्ड सदस्य दीपक कुमार ने आरोप लगाया कि बिना किसी टेंडर के ही अध्यक्ष विजय शंकर सिंह ने एमडी से मिलीभगत कर अपने पुत्र आदित्य रंजन को पटना विपणन जाेन-10 का उप वितरक नियुक्त कर दिया। जिस सुधा मित्र मृत्युंजय कुमार को लाखों की वित्तीय अनियमितता में पूर्व के एमडी सुनील रंजन मिश्र ने 12 दिसंबर 2020 को अस्थायी रूप से सेवा से निकालते हुए रिकवरी का आदेश दिया था उसे वर्तमान के एमडी ने कार्यपालक विपणन के पद पर प्रमोशन देकर बहाल कर लिया। इसके लिए भी निदेशक मंडल से कोई स्वीकृति नहीं ली गई। एमडी रविंद्र प्रसाद काे तत्काल पदमुक्त करते हुए उनके खिलाफ अविलंब जांच शुरू होनी चाहिए।











