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व्यक्ति के विचार, भाव, जिम्मेदारी और बदलाव को प्रस्तुत करता है मैथिली नाटक पांच पत्र

चर्चित नाट्य संस्था आहुति नाट्य अकादमी द्वारा “राष्ट्रीय लोकनाट्य महोत्सव” का आयोजन बेगूसराय प्राइवेट ITI लवहरचक, रामदीरी के सभागार में किया गया।

बेगूसराय | चर्चित नाट्य संस्था आहुति नाट्य अकादमी द्वारा “राष्ट्रीय लोकनाट्य महोत्सव” का आयोजन बेगूसराय प्राइवेट ITI लवहरचक, रामदीरी के सभागार में किया गया। दो दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ आशीर्वाद रंगमंडल के सचिव डॉ. अमित रोशन, रिवाइवल बेगूसराय के चर्चित अभिनेता व निर्देशक कुमार अभिजीत, रंगकर्मी सचिन कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। संस्था के सचिव रामानुज प्रसाद सिंह ने अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र व पुष्पगुच्छ देकर किया।

मैथिली लोक-रंग की फुहार बिखेर गया नाटक
लोकनाट्य महोत्सव में पहला दिन मैथिली नाटक “पांच पत्र” मूल कथा हरिमोहन झा नाट्य रूपांतरण- महेंद्र मलंगिया, परिकल्पना व निर्देशन अभिषेक देवनारायण, प्रस्तुति- अच्छिंजल के द्वारा किया गया। नाटक में नायक देव कृष्ण और उसकी होने वाली पत्नी के बीच पत्राचार और उसके जीवन के अलग-अलग पड़ाव को रेखांकित किया गया। देव कृष्ण अपनी प्रेमिका की एक झलक पाने के लिए उससे संपर्क करने का उल्लेख करता है तो बाद के पत्रों में वह एक गृहस्थ के रूप में अपने बेटे-बेटियों के साथ जीवन बिता रहा होता है। नाटक एक व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर कर रहा था। व्यक्ति के विचार, भाव, जिम्मेदारी और बदलाव को बड़े ही रोचकता से मंच पर प्रस्तुत किया गया। नाटक में दुविधा, कष्ट, मेल-विछोह, राग-रंग, श्रृंगार और हास्य को शानदार तरीके से दिखाया गया। यह नाटक कर्ण प्रिय मैथिली गीत-संगीत के साथ मैथिली लोक-रंग की फुहार बिखेर गया।

रंगमंच का विकास तभी संभव जब अपनी भाषा को आमजन तक पहुंचा सकें : अमित रोशन
डॉ. अमित रोशन ने इस तरीके के महोत्सव को ग्रामीण क्षेत्र में करने के लिए संस्था को बधाई दी और कहा रंगमंच का असल विकास तभी संभव है जब हम अपनी भाषा और संस्कृति को मंच के माध्यम से आमजन तक पहुचाएं। कुमार अभिजीत ने कहा कि मिथिला की मिठास अद्वितीय है। नाट्य कला सर्वग्राह्य विधा है इसलिए इस कला का उपयोग आंचलिक लोककलाओं को संवर्द्धित और संगठित करने में होना चाहिए।

आधुनिक रंगकर्म को गांव की मिट्टी से जोड़ने का अनूठा प्रयास
नाटक के समापन के उपरांत कलाकारों को संस्था के सचिव रामानुज प्रसाद सिंह ने अंगवस्त्र व पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन अभिनेता उद्घोषक दीपक कुमार ने किया। आधुनिक रंगकर्म को गांव की मिट्टी से जोड़ने का यह एक अनूठा और सफल प्रयास ग्रामीण दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बना रहा।
नाटक में किसने क्या भूमिका निभाई
  • बिन्नी :- सुनीता झा
  • काश्यप कमल :- पवन झा
  • संगीत संयोजन :- प्रशांत मंडल
  • पेंटिंग :- सर्वप्रिया झा
  • प्रकाश परिकल्पना :- अभिषेक देवनारायण
  • प्रकाश संचालन :- मोहित मोहन
  • साउंड :- सनोज कुमार

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हिमांशु शेखर

17 वर्षों से पत्रकारिता का सफर जारी। प्रिंट मीडिया में दैनिक भास्कर (लुधियाना), अमर उजाला (जम्मू-कश्मीर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), दैनिक जागरण (पानीपत-हिसार) और दैनिक भास्कर (पटना) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में कार्य करने के बाद पिछले एक साल से newsvistabih.com के साथ डिजिटल पत्रकारिता।
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