- गंगा ग्लोबल बीएड कॉलेज में हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- सत्र 2024-26 का चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम सम्पन्न
बेगूसराय | गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन बेगूसराय में शनिवार को हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डाॅ. कामायनी कुमारी ने कहा कि हिन्दी अनेक भाषाओं का प्रतिनिधित्व करती है जबकि अंग्रेजी बाजार की भाषा है। हिन्दी जन-गण के हृदय की धड़कन और बेचैनी की भाषा है। उन्होंने मशहूर शायर मुनव्वर राणा की पंक्तियां ‘लिपट जाता हूं मां से मौसी मुस्कुराती है, मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूं हिन्दी मुस्कुराती है’ उद्धृत कर हिन्दी की महत्ता को प्रशिक्षुओं के सामने रखा।
इससे पहले प्रशिक्षु शाम्भवी कुमारी, कुमारी ममता, अपराजिता कुमारी तथा कुमारी पल्लवी ने हिन्दी हमारी आन है, हिन्दी हमारी शान है… सामूहिक गान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रो. सुधाकर पांडेय ने कविता की पंक्तियों के साथ भावों को अभिव्यक्त किया। प्रो. परवेज युसूफ ने कहा कि हिन्दी भाषा हमारी अभिव्यक्ति का सरल और सहज माध्यम है। द्वितीय वर्ष की प्रशिक्षु भारती कुमारी, कृष्ण कुमार, कुमारी ममता, प्रिया कुमारी, मोनू कुमार, डॉली कुमारी, कुलदीप कुमार, श्रृष्टि गौतम, चांदनी कुमारी, पुष्पांजलि कुमारी, पल्लवी कुमारी, अमलेश कुमार, हिमरेणु कुमारी, पल्लवी कुमारी तथा प्रथम वर्ष की शालिनी प्रिया, रुचि कुमारी, अनुपम कुमारी, रीकेश कुमार एवं विशाल कुमार ने भाषण, कविता पाठ तथा गायन के माध्यम से हिन्दी के महत्व और उसकी विशालता को बताया।
कार्यक्रम में प्रो. अंजली, प्रो. अमर कुमार, .डॉ अनीथा एस, .डाॅ अविनाश कुमार, प्रो. कुंदन कुमार, डॉ. राजवंत सिंह के साथ प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षु उपस्थित थे। प्रो. विपिन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि नियमित महाविद्यालय में उपस्थिति रहें और विभिन्न गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। मंच संचालन द्वितीय वर्ष की प्रशिक्षु नेहा कुमारी एवं रितेश कुमार ने किया।
सम्प्रेषण एक कौशल के साथ एक कला भी है: प्रो. परवेज यूसुफ
चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में प्रो. सुधाकर पांडेय ने दूसरे एवं तीसरे दिन का संचालन किया तथा महाविद्यालय के तौर-तरीकों, अनुशासन, दिनचर्या आदि के बारे में विस्तार से बताया। प्रो. परवेज़ यूसुफ़ ने कम्युनिकेशन स्किल के बारे में बताते हुए कहा कि सम्प्रेषण एक कौशल के साथ एक कला भी है ये इंसान के व्यक्तित्व का अभिन्न अंग है। सफल कम्युनिकेशन के लिए 7-38-55 के सूत्र को समझाया। डॉ. अंजली ने बीएड के पाठ्यक्रम संरचना को विस्तार से समझाया कि आपको बीएड में क्या कुछ पढ़ना है। प्रो. डी नियाज़ ने अंग्रेजी भाषा का महत्व बताया। साथ ही कहा कि भाषा पर मनुष्यों का एकाधिकार है।
डॉ. अनीथा एस ने पंचतंत्र की कहानियों के माध्यम से नैतिक शिक्षा के बारे में बताया। प्रो. कुंदन कुमार ने कहा कि शिक्षक के मार्गदर्शन से ही छात्रों को सही दिशा मिलती है। प्रो. विपिन कुमार ने प्रशिक्षुओं को समझाया कि बीएड का मूल्यांकन विश्वविद्यालय के द्वारा कैसे किया जाता है। प्रो. सुधाकर पांडेय ने इस चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी प्रशिक्षुओं और प्राध्यापकों का आभार व्यक्त किया।
