बेगूसराय। दिनकर जयंती के पूर्व दिवस पर रविवार को प्रत्यक्ष गवाह पत्रिका परिवार की ओर से सेंट अगस्टाईन एकेडमी, सर्वोदय नगर बेगूसराय के सभागार में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जन सम्मान समारोह 2024 का आयोजन किया गया। अध्यक्षता पूर्व बैंक प्रबंधक अविनाश कुमार और संचालन संपादक पुष्कर प्रसाद सिंह ने किया। स्वागत भाषण साहित्यकार प्रवीण प्रियदर्शी एवं धन्यवाद ज्ञापन डा संजय भारद्वाज ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन आगत अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर राष्ट्रकवि दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर किया।
इन्हें मिला दिनकर जन सम्मान
इस अवसर पर बुजुर्ग साहित्यकार राजनंदन शर्मा विमलेन्दु को राष्ट्रकवि दिनकर जन सम्मान, प्रगतिशील कवयित्री रंजू ज्योति एवं जनवादी कवि दीपक सिन्हा को राष्ट्रकवि दिनकर काव्य रत्न सम्मान तथा प्रियांजली प्रिया और कृष्णा कुमार को राष्ट्रकवि दिनकर बाल रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।
शब्द और अर्थ दोनों का जहां सार्थक समन्वय हो वहां दिनकर दिखाई देता है : डॉ सच्चिदानन्द पाठक
समारोह में मुख्य अतिथि डॉ सच्चिदानन्द पाठक ने कहा कि शब्द और अर्थ दोनों का जहां सार्थक समन्वय हो वहां दिनकर दिखाई देता है। दिनकर जी संस्कार की भाषा और भाषा के संस्कार थे। प्रत्यक्ष गवाह का सारस्वत अनुष्ठान सामाजिकता का प्रगल्भ प्रमाण है। कलम के कुशल कारीगरों को सम्मानित कर समाज को नई चेतना प्रदान करना इस अक्षर आंदोलन का उद्देश्य है।
वर्तमान समाज दिनकर की कविता का अनुसरण किए वगैर अपनी सार्थकता को प्राप्त नहीं कर सकता : मुकेश प्रियदर्शी
समारोह को संबोधित करते हुए निदेशक मुकेश प्रियदर्शी ने कहा कि वर्तमान बदलती दुनिया में जब साहित्य स्वयं बंधन में जकड़ा हुआ महसूस कर रहे हो, ऐसे में दिनकर जैसे महाकवि को याद करना एक दु:साहस का काम है, जबकि वर्तमान समाज दिनकर की कविता का अनुसरण किए वगैर अपनी सार्थकता को प्राप्त नहीं कर सकता है।
जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशन के परिसर में दीवारों पर दिनकर की कविता अंकित करने की मांग की
पुष्कर प्रसाद सिंह ने मांग की कि बेगूसराय जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशन के परिसर में दीवारों पर दिनकर की कविता अंकित हो ताकि गुजरने वाले हर यात्रियों को दिनकर की सरजमीं का अहसास हो सके।
इन लोगों ने किया समारोह को संबोधित
समारोह को साहित्यकार डा चन्द्र शेखर चौरसिया, समाजसेवी दिलीप कुमार सिन्हा, डा विश्वजीत कुमार कुमुद, बिनोद बिहारी सहित कई गणमान्य लोगों ने संबोधित किया। रणजीत अलबेला ने सच्चिदानंद पाठक रचित गीत गाकर माहौल को दिनकरमय कर दिया।
कवियों ने किया काव्य पाठ
दूसरे सत्र में भव्य कवि सम्मेलन संपन्न हुआ जिसका संचालन प्रफुल्ल चंन्द मिश्र ने किया। हुआ सुशोभित ज्ञान केन्द्र चावल गेहूं के बोरा से, विद्यार्थी का परिचय होता थाली और कटोरा से। कविता पाठ कर सच्चिदानन्द पाठक ने खूब बाहबाही लूटी वहीं सम्मानित समस्त अतिथियों के अलावा प्रसिद्ध कवि प्रदीप बिहारी, संजय भारद्वाज, निशा कुमारी, तरुण तेजस, प्रभा कुमारी, मिथलेश कांति, भवेश कुमार, पुष्कर प्रसाद सिंह इत्यादि कवियों ने कविता से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
