- राज्यपाल बोले – शेक्सपीयर या टॉलस्टाय की कविताएं पढ़ने वालों से पूछें कि क्या आपने दिनकर का साहित्य पढ़ा है?
- दिनकर के आवास और दालान को राष्ट्रीय स्माकर बनाएं, राष्ट्रकवि ही नहीं विश्वकवि हैं रामधारी सिंह दिनकर

बेगूसराय | दिनकर जी ने काव्य का कोई भी भाग ऐसा नहीं छोड़ा जिसे उन्होंने स्पर्श नहीं किया हो। उनकी कविताएं राष्ट्रप्रेम से प्रभावित रही हैं। प्रेम और श्रृंगार से भी प्रेरित है। जो लोग शेक्सपीयर या टॉलस्टाय की कविता का गुणगान करते हैं अब हमें ऐसे लोगों से पूछना चाहिए कि क्या आपने दिनकर को पढ़ा है? शेक्सपीयर और टॉलस्टाय की कविताएं वहीं की वहीं रहेंगी जिस काल में लिखी गई, लेकिन दिनकर की कविताएं सर्वकालिक हैं। ये बातें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 116वीं जयंती समारोह में सिमरिया स्थित दिनकर उच्च माध्यमिक विद्यालय में कही।
दिनकर साहित्य का डिजिटाइजेशन करना जरूरी
राज्यपाल ने कहा कि दिनकर जी ने जितना लिखा है सबका डिजिटाइजेशन होना चाहिए। ताकि लोगों को दिनकर साहित्य के बारे में जानकारी एक क्लिक पर मिल सके। दिनकर हम सबका गर्व हैं। हम सब की प्रेरणा हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को इस बारे में योजना बनाने को कहा। कहा कि दिनकर को विश्व कवि के रूप में प्रस्तुत करने की जरूरत है। उन्होंने महाराष्ट्र के एक गांव का उदाहरण देकर बताया कि 200 घरों वाला यह गावं पुस्तकालय ग्राम के रूप में प्रसिद्ध है। यहां हर घर में दिनकर हैं तो हर घर में दिनकर साहित्य की किताबें होनी चाहिए। तािक यहां जो भी बाहर के लोग दिनकर के बारे में जानने आएं उन्हें आसानी से जानकारी मिल सके और वे दिनकर साहित्य को बेहतर तरीके से जान सकें।
बाढ़ के हालात पर बोले- मैं सीएम से खुद बात करूंगा
राज्यपाल ने कहा कि जिला बाढ़ से प्रभावित है। सांसद गिरिराज सिंह ने इसे बाढ़ग्रस्त जिला घोषित करने का अनुरोध मुझसे किया है। उन्होंने डीएम तुषार सिंगला को इस संबंध में रिपोर्ट में बनाकर मंत्रालय भिजवाने को कहा। राज्यपाल ने कहा कि मैं खुद इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर पहल करूंगा।
दिनकर की कविताएं केवल अक्षर नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करती हैं : गिरिराज सिंह
विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि दिनकर की कविताएं केवल अक्षर मात्र नहीं हैं। उनकी कविताएं राष्ट्रनिर्माण का मार्ग प्रशस्त करती हैं। उन्होंने बेगूसराय को बाढ़ग्रस्त घोषित करने की मांग मंच से की।
जयप्रकाश नारायण ने दिनकर की पंक्तियों को बनाया था नारा : डॉ. प्रेम कुमार
प्रदेश के सहकारिता, वन एवं पर्यावरण मंत्री. डॉ प्रेम कुमार ने दिनकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। कहा कि दिनकर की रचनाएं कालजयी हैं। उनकी रचनाओं में ओज और विद्रोह के साथ श्रृंगार रस भी है। जयप्रकाश नारायण ने दिनकर की पंक्तियों सिंहासन खाली करो कि जनता आती है, को अपना नारा बनाया था।
दिनकर का आवास और दालान राष्ट्रीय स्मारक बने
कार्यक्रम समाप्ति के उपरांत राज्यपाल, सांसद गिरिराज सिंह एवं मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने दिनकर आवास पर स्थापति आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं दिनकर आवास एवं दालान को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की बात की। उन्होंने डीएम तुषार सिंगला से इस संबंध में योजना बनाकर क्रियान्वित करने को कहा। सिमरिया पंचायत भवन में भी दिनकर की मूर्ति पर राज्यपाल ने माल्यार्पण किया।
राष्ट्रगान से कार्यक्रम की हुई शुरुआत

राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति सिमरिया के तत्वावधान में आयोजित समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान से हुआ। मंच संचालन समिति के सदस्य राजेश कुमार सिंह एवं अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में सिमरिया में दिनकर शोध संस्थान की स्थापना एवं दिनकर ग्राम सिमरिया स्टेशन के दक्षिण व उत्तर केबिन के बीच आरओबी बनाने की मांग की। कार्यक्रम से पहले आगत अतिथियों ने राष्ट्रकवि दिनकर के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण किया। राज्यपाल को समिति के उपाध्यक्ष कैलाश सिंह एवं सचिव प्रदीप कुमार ने अंगवस्त्र एवं मोमेंटो से सम्मानित किया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह एवं कृष्णनंदन पिंकू ने अंगवस्त्र एवं मोमेंटो प्रदान किया। सहकारिता, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. प्रेम कुमार को जिला परिषद उपाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह एवं पत्रकार प्रवीण प्रियदर्शी ने मोमेंटो व चादर देकर सम्मानित किया। जन गण मन के गायन के साथ ही कार्यक्रम को समाप्त किया गया। इस मौके पर कलाकार सान्या, रश्मि, विजय कुमार एवं लक्ष्मणदेव कुमार ने दिनकर के कई गीतों को प्रस्तुत किया।
समारोह में ये लोग रहे मौजूद
समारोह में मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह, नगर निगम की मेयर पिंकी देवी, पूर्व नगर विधायक श्रीकृष्ण सिंह, इंदिरा देवी, अमरेन्द्र कुमार अमर, अशांत भोला, अशोक कुमार अमर, केशव शांडिल्य, राजू कुमार, आभा देवी, समिति के सदस्य राजेन्द्र राय, राधारमण राय, जितेन्द्र झा, विनोद बिहारी, जिले के सभी वरीय पदाधिकारी, विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य कुलदीप सिंह यादव समेत गांव के सैकड़ों गणमान्य व बुद्धिजीवी मौजूद थे।
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