- भारतीय चिकित्सा पद्धति के राष्ट्रीय आयोग ने वर्ष 24-25 के लिए दी मान्यता
- 30 सीट सामान्य जबकि 8 सीट ईडब्ल्यूएस के लिए रिजर्व
- कॉलेज के प्राचार्य और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने की थी पहल
- कमियों के कारण 2 माह पहले आयोग ने मान्यता देने से मना किया था
बेगूसराय | भारतीय चिकित्सा पद्धति के राष्ट्रीय आयोग ने करीब दो माह पहले राजकीय अयोध्या शिव कुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय की मान्यता समाप्त कर दी थी। इसके बाद कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर श्रीनिवास त्रिपाठी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विशेष पहल की। कॉलेज की कमियों को दूर करने के बाद मान्यता बहाल करने के लिए अपील की। कॉलेज पक्ष की बात सुनने के बाद आयोग ने 10 अक्टूबर को अंडरटेकिंग के आधार पर सत्र 24-25 के लिए सशर्त मान्यता बहाल कर दी। अब कॉलेज में इस सत्र के लिए इस साल हुई नीट परीक्षा के आधार पर 38 सीटों पर नामांकन हो सकेगा। 38 में से 30 सीट सामान्य है जबकि 8 ईडब्ल्यूएस के लिए रिजर्व है। इन सभी सीटों पर बिहार संयुक्त प्रतियोगिता प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद की ओर से काउंसिलिंग के माध्यम से नामांकन संबंधी आदेश जारी किया जाएगा।

मान्यता बहाल करने के लिए इन कमियों को दूर किया
राष्ट्रीय आयोग से मान्यता समाप्त होने के बाद college के प्राचार्य डॉ. श्रीनिवास त्रिपाठी कॉलेज में व्याप्त कमियों को दूर करने में जुट गए। प्राचार्य डॉ. त्रिपाठी पटना गए और स्वास्थ्य विभाग में पदस्थापित विशेष कार्य पदाधिकारी रेणु कुमारी को स्थिति से अवगत कराया। इस पर प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विशेष पहल की। इसके बाद दरभंगा से बाल रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर ओम प्रकाश द्विवेदी, शल्य विभाग के डॉक्टर मुकेश कुमार एवं स्वास्थ्य रक्षणम तथा योग विभाग में डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह की पदस्थापना राजकीय अयोध्या शिव कुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय बेगूसराय में की गई। साथ ही दो आवासीय चिकित्सा पदाधिकारी एवं दो आपातकालीन चिकित्सा पदाधिकारी का भी पदस्थापना स्थायी रूप से किया गया।
आधुनिक चिकित्सा पद्धति के भी 4 विशेषज्ञ डॉक्टर हुए बहाल
महाविद्यालय की कमियों को दूर करने के लिए आयोग के कैरिकुलम के अनुसार, आधुनिक चिकित्सा पद्धति के 4 विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं एक दंत चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति सप्ताह में 2 दिन के लिए college में की गई। योग एवं संस्कृत में शिक्षक के लिए विज्ञापन निकाल दो अतिथि शिक्षकों की भी बहाली कर दी गई।
अपील पर 10 दिन पहले ONLINE हुई थी सुनवाई
सारी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद प्राचार्य डॉ. त्रिपाठी ने राष्ट्रीय आयोग में पुन: अपील की। अपील पर 10 दिन पहले online सुनवाई की गई। कॉलेज की ओर से प्राचार्य के अलावा शल्य विभाग के सहायक प्राध्यापक डाॅक्टर मुन्ना कुमार ने पक्ष रखा। कॉलेज ने जो भी पक्ष रखे उसी आधार पर 10 अक्टूबर को आयोग ने एक साल के लिए सशर्त मान्यता दे दी।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का जताया आभार
कॉलेज की मान्यता बहाल होने पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. श्रीनिवास त्रिपाठी, डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर दिलीप कुमार वर्मा, प्राध्यापक डॉ. भानु प्रताप राय, डॉ. जीपी शुक्ला, डॉ. अखिलेश जयसवाल, डॉ. मुरली मनोहर पांडे, डॉ. लाल कौशल कुमार, डॉक्टर मुन्ना कुमार, डॉ. इंदु कुमारी, डॉ. किश्वर सुल्ताना, डॉक्टर सुल्ताना परवीन, डॉक्टर नंदकुमार सहनी, डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा आदि ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का आभार जताया। वहीं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय कुमार ने मंत्री मंगल पांडेय को इस पहल के लिए धन्यवाद दिया।
