- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने प्रमाणपत्र जमा करने के लिए सॉफ्टवेयर में विकल्प दिया
- शिक्षक स्वयं की लॉगिन आइडी एवं पासवर्ड से इसे जमा कर सकते हैं
बेगूसराय | जिन शिक्षक अभ्यर्थियों का एक या एक से अधिक प्रमाणपत्र संदिग्ध पाया गया है ऐसे शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए सही प्रमाणपत्र अपलोड करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा सॉफ्टवेयर में विकल्प दिया गया है। इस पर शिक्षक अभ्यर्थी स्वयं अपनी लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड से सही प्रमाणपत्र 9 नवंबर तक अपलोड कर सकते हैं। इस प्रकार के अभ्यर्थियों को कार्यालय में आवेदन समर्पित करने की आवश्यकता नहीं है।
बताते चलें कि 13 सितंबर को संपन्न हुए प्रथम सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र के सत्यापन हेतु काउंसिलिंग की गई थी। काउंसिलिंग 13 नवंबर को हुई थी। इसमें कई शिक्षकाें के नाम, जन्मतिथि और आधार संख्या की प्रविष्टि गलत पाई गई थी। इसी को लेकर डीपीओ स्थापना रविंद्र साह ने पत्र जारी कर आदेश दिया है कि 4 नवंबर 2024 तक उक्त विवरण में परिवर्तन के लिए स्वर्ण जयंती पुस्तकालय बेगूसराय में सदेह उपस्थित होकर कार्यालय अवधि में निश्चित रूप से आवेदन दें।
पूर्व में दिए आवेदन को निरस्त किया
पूर्व में 30 अक्टूबर 2024 तक जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के स्थापना शाखा में शिक्षकों द्वारा जमा किए गए आवेदन को निरस्त करते हुए उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे दोबारा वांछित कागजात के साथ सदेह उपस्थित होकर आवेदन जमा कराएं।
फर्जी दस्तावेज पर बने शिक्षक
ज्ञात हो कि नियोजन इकाई द्वारा बहाल कई ऐसे शिक्षक हैं जो फर्जी दस्तावेज के आधार पर शिक्षक बने हैं। ऐसी शंका होने के उपरांत विभाग ने दोबारा काउंसिलिंग करने का आदेश दिया है। सूत्रों की मानें तो बहाली में बिचौलियों के संलिप्त होने की खबर है। फिलहाल जांच के उपरांत ही पता चल पाएगा कि कितने शिक्षक फर्जी बहाल हुए थे।
