Download App from

JHARKHAND ELECTION : 24 साल, 13 सरकारें; 6 आदिवासी CM फिर भी आदिवासियों के असली मुद्दे नेपथ्य में

झारखंड के राजनीतिक रंगमंच पर विधानसभा चुनाव-2024 का नौटंकी चालू है। यहां 24 साल में 13 सरकारें बनीं हैं। फिर भी झारखंड व आदिवासियों के असली मुद्दे नेपथ्य में हैं।

झारखंड के राजनीतिक रंगमंच पर विधानसभा चुनाव-2024 का नौटंकी चालू है। कोई इस पार्टी में आ रहा है तो कोई उस पार्टी में जा रहा है। प्रमुख राजनीतिक दलों में टिकट बंटवारा महाविकट बना। क‌ई सीटों को वर्षों से पार्टी का झोला ढोने, दरी बिछाने वाले/वाली की जगह सायबेरियन पक्षी ने हथिया लिया। क‌ई कद्दावरों के पुराने पार्टी छोड़ कर दूसरे पार्टी में चले जाने से उसके चुनावी समीकरण गड़बड़ाने की आशंका ने उनकी रात की नींद और दिन का चैन छीन लिया है। इन सबके बीच झारखंड राज्य बनने के उद्देश्य और यहां के आदिवासियों के असल मुद्दे कहीं गुम हो गए हैं।
झारखंड में 24 साल में 13 सरकारें बनीं हैं। कभी भी किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला। रघुवर दास अब तक में एक मात्र गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बने। शेष छह आदिवासी मुख्यमंत्री- बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा, हेमंत सोरेन और चंपाई सोरेन बने। फिर भी झारखंड व आदिवासियों के असली मुद्दे नेपथ्य में चले गए हैं।

झारखंड पर भी क्रोनी कैपिटलिज्म का असर
पर्व-त्योहारों के इस उमंग भरे माहौल में विधानसभा चुनावी संग्राम में सभी राजनीतिक पार्टियां झारखंड में लॉलीपॉप बांट रही हैं। कोई आधी आबादी को रिझाने के लिए गोगो दीदी योजना तो कोई मईयां सम्मान योजना का ढिंढोरा पीट रहा है। कोई युवाओं को लुभाने के लिए रोजगार-नौकरियों की बरसात, शिक्षित बेरोजगार को भत्ता, किसानों की कर्ज माफी, गरीब परिवार को सालाना अनुदान तो कोई जनसंख्या अनुपात के गड़बड़ाने का राग अलाप रहा है। यह स्पष्ट रूप से क्रोनी कैपिटलिज्म का असर है।

चमकते शहरों में कोई अन्य शहर शुमार नहीं हुआ
रांची, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद जैसे कुछ चमकते शहर ही झारखंड नहीं है। गुमला, सिमडेगा, चाईबासा के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में यातायात के संसाधन की कमी, पेयजल का अभाव, गरीबी, कुपोषण, उच्च मृत्युदर भी है। यहां विकास नहीं पहुंचा है। यहां की 77.76 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है। आज भी यहां के लोग जंगलों से पत्ता, दातुन, लकड़ी काट चमकते शहरों में उसे बेच चूल्हा जलाने को अभिशप्त हैं। सुबह के 8 से 10 बजे तक यहां के कुछ चमचमाते शहरों के चौक-चौराहों पर स्थानीय गरीब मजदूरों, स्त्रियों, बच्चियों, युवाओं का हाट लगता है, जहां वे गुलाम की तरह दिहाड़ी खोजते दिखते हैं।

तीन भाजपाई CM बने : इतिहास याद करे ऐसी उपलब्धि शून्य
यहां की राजनीति में 80 के दशक से भाजपा सक्रिय हुई और प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के शासन काल में बिहार पुनर्गठन अधिनियम के तहत यह प्रदेश अस्तित्व में आया। बाबू लाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, रघुवर दास भाजपा के तीन मुख्यमंत्रियों ने लगभग साढ़े 12 वर्षों तक इस प्रदेश की बागडोर संभाली, लेकिन कोई ऐसा अमिट कार्य नहीं किया जिसके लिए इतिहास उन्हें याद करे। मजे की बात यह कि डबल इंजन की सरकार होते हुए भी रघुवर दास विधायकी की अपनी सीट नहीं बचा पाए। इसी तरह भूतपूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री रहते हुए अर्जुन मुंडा खूंटी सीट से पराजित हो गए। बाबूलाल मरांडी की तो बात ही अलग। अपने सिद्धांत व मतभिन्नता के कारण अटल-आडवाणी को गुड बाय कह देने वाले मोदी-शाह के दरबार में हाजिर बजा रहे हैं। हां, गोड्डा में आडाणी का पावर प्लांट लग गया जिससे झारखंड का कितना कल्याण हुआ यह तो जनता भलीभांति जानती है, लेकिन इतना जरूर हुआ कि इसमें सांसद निशिकांत दुबे की राजनीति चमक गई।

Picture of हिमांशु शेखर

हिमांशु शेखर

17 वर्षों से पत्रकारिता का सफर जारी। प्रिंट मीडिया में दैनिक भास्कर (लुधियाना), अमर उजाला (जम्मू-कश्मीर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), दैनिक जागरण (पानीपत-हिसार) और दैनिक भास्कर (पटना) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में कार्य करने के बाद पिछले एक साल से newsvistabih.com के साथ डिजिटल पत्रकारिता।
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
5 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Ranjan kumar
Ranjan kumar
9 months ago

शानदार विश्लेषणात्मक रपट.. संकलित रखने योग्य ।

विनोद कर्ण
BINOD KARN
9 months ago
Reply to  Ranjan kumar

विकास का पैमाना जीत का आधार नहीं बनता। जाति, धर्म व नारा जीत दिलाती है। विकास के कुछ काम तो तरका लगाता है। लेकिन विकास को जीत का आधार बनाने के लिहाज से खबर अच्छी लगी।

राजेश्वर राय
राजेश्वर राय
9 months ago
Reply to  BINOD KARN

धन्यवाद!

राजेश्वर राय
राजेश्वर राय
9 months ago
Reply to  BINOD KARN

जीत-हार अलग बात है,आईना तो राजनीतिकबाजों को दिखाना पत्रकारिता का उसूल है.

राजेश्वर राय
राजेश्वर राय
9 months ago
Reply to  Ranjan kumar

धन्यवाद!

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

Digital marketing for news publishersHUF Registration Services In India

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: wetter in Indien morgen

राशिफल

error: Content is protected !!
5
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x