- हर शनिवार को विद्यार्थियों को कला, कौशल, विज्ञान, इतिहास, साहित्य और संस्कृति की जानकारी दी जाएगी
- सुरक्षित शनिवार से इतर होगा यह प्रोग्राम, पहले दिन 700 बच्चे हुए शामिल, 45 मिनट का होगा कार्यक्रम
- विशेषज्ञ अतिथि बच्चों को देंगे जानकारी, यह कार्यक्रम फिलहाल शीतकालीन अवधि में ही चलेगा
बेगूसराय | शिक्षा के क्षेत्र में नई पहल और अपनी अलग पहचान बनाने वाले राजकीयकृत मध्य विद्यालय बीहट ने अब एक और पहल की है। यह पहल है ‘वीकेंड विजन’। इस ‘वीकेंड विजन’ का आयोजन विद्यालय में हर शनिवार को किया जाएगा। खास बात यह कि यह कार्यक्रम सरकार की ओर से चल रहे सुरक्षित शनिवार से इतर होगा। खास कार्यक्रम की शुरुआत अंतरिक्ष वैज्ञानिक पद्मभूषण सुनीता विलियम्स के कृतित्व से हुई। वैज्ञानिक चेतना के विकास की परिकल्पना के साथ आयोजित ‘वीकेंड विजन’ के पहले सत्र में करीब 700 बच्चों ने आज की प्रार्थना सभा में सुनीता विलियम्स के बेहतर स्वास्थ्य व अंतरिक्ष से सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना की।
अंतरिक्ष के शून्य से दोस्ती करना आसान : पुष्पराज
मुख्य वक्ता पत्रकार व लेखक पुष्पराज ने बच्चों को विज्ञान के महत्व, अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों की भूमिका और सुनीता विलियम्स के जीवन संघर्ष से परिचित कराया। उन्होंने अंतरिक्ष और अंतरिक्ष विज्ञान को सहज तरीक़े से परिभाषित किया। बताया कि विज्ञान से प्रेम करते हुए अंतरिक्ष के शून्य से दोस्ती करना किस तरह आसान है।
कल्पना चावला के अधूरे सपनों को पूरा कर रहीं सुनीता
कल्पना चावला की अंतरिक्ष यात्रा और अंतरिक्ष यात्रा के दौरान उनकी शहादत को नमन करते हुए पुष्पराज ने कहा कि कल्पना चावला के अधूरे सपने को सुनीता विलियम्स पूरा कर रही हैं। सुनीता के परिजन छह माह बीतने के बावजूद दुःखी नहीं हैं क्योंकि उन्हें भरोसा है कि सुनीता की दृढ़ इच्छा शक्ति, नासा के प्रयत्नों तथा तकनीकी कौशलों के दम पर अपना अंतरिक्ष प्रवास पूर्ण कर सकुशल धरती पर वापस लौटेगी। उन्होंने नासा की ओर से अंतरिक्ष में भेजे गए विशेष विमान की वापसी में विलंब के कारणों की जानकारी देते हुए सुनीता के स्वास्थ्य की अद्यतन स्थिति से छात्रों को अवगत कराया।
अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना कोई कठिन काम नहीं : अनुपमा
वरिष्ठ शिक्षक अनुपमा सिंह ने बच्चों को सुनीता विलियम्स के व्यक्तित्व और उनकी साहसिक अंतरिक्ष यात्रा से रूबरू कराया। उन्होंने वैज्ञानिक चेतना के विकास को शिक्षा और मानवता के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताया। कहा कि हर बच्चे विज्ञान से मुखातिब हो सकते हैं और विज्ञान की सीढ़ी से चढ़ते हुए अंतरिक्ष वैज्ञानिक बन सकते हैं। कार्यक्रम को सुव्यवस्थित रखने में शिक्षिका प्रीति कुमारी, सोनम कुमारी, सीमा कुमारी और पूनम कुमारी का संयोजन अच्छा रहा। कार्यक्रम में विभा कुमारी, कुमारी नीलम, संजीत कुमार पोद्दार, किरण कुमारी, नूतन कुमारी सहित अन्य शिक्षक भी मौजूद रहे।
