- फर्जी प्रमाण पत्र पर कई वर्षों से कैरीबाड़ी फुलवड़िया स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ा रहीं
- सक्षमता काउंसिलिंग के दौरान डीईओ ने औचक निरीक्षण में इनका सर्टिफकेट फर्जी पाया था
- मधु कुमारी के अलावे ऐसे कई शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश बावजूद अब तक कुछ नहीं हुआ
बेगूसराय | आखिरकार शिक्षा विभाग ने भी यह मान लिया कि तेघड़ा प्रखंड के हनुमान स्थान कैरीबाड़ी फुलबड़िया-1 स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका मधु कुमारी फर्जी सर्टिफिकेट पर नियोजित हुई हैं। हालांकि यह कार्रवाई भी तीन साल की देरी से हुई। अब शिक्षा विभाग के डीपीओ (स्थापना) रविंद्र साह ने नियोजन रद करने काे लेकर तेघड़ा के पंचायत सचिव को पत्र लिखा है। जारी पत्र में बताया गया है कि विभागीय जांच में बेसिक ग्रेड 1-5 में नियोजित मधु कुमारी का BTET प्रमाण-पत्र सही नहीं है।
10 मई 2021 को ही कार्रवाई के लिए लिखा गया था पत्र
डीपीओ स्थापना ने तेघड़ा प्रखंड के सचिव को जो पत्र लिखा है उसमें बताया गया है कि यह कार्रवाई जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय (स्थापना शाखा) के पत्रांक 2285 और दिनांक 10 मई 2021 के आलोक में की गई है। अब सवाल उठता है कि ऐसा कौन सा BTET प्रमाणपत्र था जिसकी जांच में विभाग को करीब साढ़े तीन साल लग गए। सूत्रों की मानें तो लेन-देन के खेल के कारण ही शिक्षिका मधु कुमारी अब तक बच रही थी।
कार्रवाई कब तक करनी है, इसका कोई उल्लेख नहीं
डीपीओ स्थापना ने तेघड़ा पंचायत सचिव को कार्रवाई के लिए जो पत्र लिखा है उसमें इस बात का काेई उल्लेख नहीं है कि कब तक कार्रवाई करनी है और कितने दिनों के अंदर विभाग को कार्रवाई से अवगत कराना है। केवल इतना भर लिखा गया है कि पत्र प्राप्ति के साथ ही उक्त शिक्षक का विधिवत प्रक्रिया का पालन कर नियोजन रद करते हुए कृत कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन इस कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
तत्कालीन डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने 108 फर्जी शिक्षक चिह्नित किए थे
बताते चलें क तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने जिले में करीब 108 फर्जी शिक्षक चिह्नित किए थे। विभागीय कर्मचािरयों की मिलीभगत के कारण इन शिक्षकों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उनके तबादले के साथ ही इन शिक्षकों की इस फाइल को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया।
