- लोन नहीं लौटाने वाले करीब 925 विद्यार्थियों पर केस
- केस के बाद डिफॉल्टरों ने करीब 53 लाख रुपए जमा कराए
- विभाग ने जिले के 1400 विद्यार्थियों के लिए नोटिस भेजा
- जांच के बाद लोन लेने वाले 1122 विद्यार्थियों पर केस के लिए लिखा
- 925 के खिलाफ केस दर्ज, शेष के विरुद्ध जल्द मामला दर्ज होगा
बेगूसराय | स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का उद्देश्य 12वीं पास करने के बाद छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके तहत अधिकतम 4 लाख रुपए का ऋण मामूली ब्याज पर दिया जाता है। बेगूसराय जिले में इस योजना के तहत वर्ष 2016 से 2020 तक 10,600 बच्चों के बीच करीब 17 करोड़ का लोन दिया जा चुका है। जिला निबंधन कार्यालय के अनुसार, बांटे गए लोन में से अब तक केवल 1.5 करोड़ रुपए ही रिकवर हुए हैं।
जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र (DRCC) बेगूसराय के सहायक प्रबंधक (योजना) अजय कुमार राय ने बताया कि इस बीच विभाग की ओर रिकवरी के लिए 2000 डिफॉल्टर बच्चों की सूची भेजी गई। इनमें से 1400 को नोटिस भेज चुके हैं। शेष 600 बच्चों को भी जल्द ही नोटिस भेजा जाएगा। 60-60 की संख्या में नोटिस भेज रहे हैं।
925 में से 550 के खिलाफ केस नंबर मिल चुका
डिफॉल्टर 1400 बच्चों में से 1122 बच्चों के खिलाफ केस के लिए लिखा गया है। इनमें से 925 के खिलाफ केस हो चुका है। डीआरसीसी को करीब 550 बच्चों के केस नंबर मिल चुके हैं। विभाग से 1122 बच्चों की सूची मिलने के बाद कार्यालय ने गहनता से जांच की तो पता चला कि इनमें से 200 बच्चे ऐसे हैं जो या तो शपथ पत्र दे चुके हैं या किस्त भरना शुरू कर दिया है या फिर पूरी राशि जमा करा चुके हैं। विभाग को साक्ष्य के साथ इसकी जानकारी भेजी जा चुकी है।
मंडन मिश्र संस्कृत कॉलेज, संजात के 84 बच्चों को एक बार में भरना होगा रुपए
पदाधिकारी ने बताया कि जिन 924 डिफॉल्टर बच्चों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें भगवानपुर प्रखंड के संजात स्थित फर्जी मंडन मिश्र संस्कृत कॉलेज के 84 बच्चे भी शामिल हैं। इस संस्थान के बच्चों को एक बार में ही ऋण की पूरी राशि भरनी होगी। क्योंकि यह कॉलेज धरातल पर है ही नहीं। इसके निदेशक समस्तीपुर निवासी मोहम्मद फैजुद्दीन ने फर्जी तरीके से सत्र 2019 और 22 में जिले के 84 छात्र-छात्राओं का नामांकन फार्मेसी, पॉलिटेक्निक, जीएनएम जैसे कई तकनीकी शिक्षा में कागज पर ही ले लिया। इसके बाद बोनाफाइड सर्टिफिकेट जारी कर 84 बच्चों को लोन दिलवा दिया। सबसे खास बात यह कि लोन की राशि बच्चों के खाते में गई ही नहीं अौर फैजुद्दीन ने इस तरह करीब एक करोड़ 74 लाख 82 हजार ₹480 रुपए का गबन कर लिया। इस मामले को लेकर अदालत में केस चल रहा है। सहायक प्रबंधक ने बताया कि यहां के डिफॉल्टरों में से कुछ बच्चों ने लोन की राशि जमा करा दी है।
डिफॉल्टर होने से कैसे बचें
अगर कोई छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर लेता है और उसकी नौकरी नहीं लगती है तो उसे नोटरी से एक शपथ बनाकर डीआरसीसी में जमा कराना होता है। शपथ पत्र 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर बनता है। ऐसा करने से उसे रुपए जमा करवाने के लिए छह माह का समय मिल जाता है। इस दौरान अगर नौकरी लग गई तो वह नियमित किस्त भरने लगता है। अगर फिर भी नौकरी नहीं लगी और वह आगे पढ़ाई करना चाहता है तो उसके लिए भी उसे शपथ पत्र देना होगा। ऐसी स्थिति में वह डिफाॅल्टर नहीं बनेगा।

1 thought on “Student Credit Card : बेगूसराय में 17 करोड़ की राशि बांटी गई, केवल 1.50 करोड़ रुपए ही रिकवर हुए”
It is coverage with comprehensive details. It would have been better if it were presented with caste break up of students concerned with better career option and higher studies.This story needs follow up story to come out with how many students are capable of paying back the loan out of job salary. Nonetheless, it’s good scheme for students welfare.