- मधुबनी के सरिसवपाही में मनाया गया मैथिली विजय दिवस
- मैथिली भाषा को रोजगारोन्मुखी और व्यावसायिक भाषा बनाने पर जोर
मधुबनी (पंडौल) | मैथिली को संविधान की अष्टम सूची में शामिल करने के उपलक्ष्य में मिथिला वाहिनी की ओर से पंडौल के उच्च विद्यालय, सरिसवपाही में मैथिली विजय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता विद्यानंद ठाकुर ने की। संगोष्ठी में मैथिली भाषा के प्रचार-प्रसार और मैथिली भाषा को रोजगारोन्मुखी, व्यवसायिक भाषा बनाने पर जोर दिया गया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मिथिला वाहिनी के संस्थापक सह मुख्य संरक्षक मिहिर कुमार झा महादेव ने आने वाले समय में मैथिली भाषा को लेकर एक बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि अब बारी राज्य सरकार की है कि मैथिली भाषा को अविलंब राज्य की प्रथम या द्वितीय राज्यभाषा घोषित करे। प्राथमिक पाठशाला में मैथिली की पढ़ाई शुरू हो।

मिथिलांचल के सभी कार्यालय पर मिथिलाक्षर लेखन हो
मिहिर झा ने कहा कि मिथिलांचल के सभी सरकारी, अर्द्ध सरकारी कार्यालयों पर मिथिलाक्षर में लेखन हो। अगर सरकार इस दिशा में काम नहीं करती है तो मिथिला वाहिनी आम मैथिलों सहित मैथिली भाषा प्रेमियों के सहयोग से इसके लिए आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से भी इसके लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मैथिली भाषा को रोजगारोन्मुखी बनाना होगा। उन्होंने व्यसायियों से भी आग्रह किया कि वे मैथिली भाषा को आगे बढ़ाने में सहयोग करें।
गुलाबीमय मिथिला अभियान की सराहना की
शिक्षाविद् कुमार सिंह ने मिथिला वाहिनी द्वारा गुलाबीमय मिथिला अभियान के माध्यम से मिथिला के चहुंमुखी विकास हेतु कार्य करने की सराहना और प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मिथिला वाहिनी के कार्यकर्ता और सदस्यों के लगातार मेहनत का परिणाम है कि आज जनप्रतिनिधि सहित राजनीतिक दल के कार्यकर्ता मैथिली भाषा में संवाद कर रहे हैं जो कि एक सुखद संकेत है। संगोष्ठी में बैजू महतो, हरिश्चंद्र मंडल, पंकज झा, संजीव साफी, संजीव ठाकुर, राजेन्द्र नाथ सिंह झा, डमरू नाथ मिश्र, उपेंद्र लाभ, वकील महतो, कमलेश कुमार झा आदि ने अपने विचार रखे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व पीएम मोदी का आभार जताया
मिहिर कुमार झा महादेव ने कहा कि 22 दिसम्बर 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने मैथिली को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल किया था। पहले संविधान में मैथिली थी आैर अब मैथिली में संविधान आ गया है। संविधान दिवस के दिन पीएम नरेन्द्र मोदी सहित अन्य सभी लोगों ने मैथिली में संविधान का विमोचन किया। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी अन्य लोगों का आभार जताया गया।
