- सरकारी दफ्तरों के पेपरलेस होने से खत्म होगा भ्रष्टाचार
- फाइलों के निबटारे में आएगी तेजी
पटना/एजेंसी | बिहार में 1 फरवरी से सभी सरकारी कार्यालय, कलेक्ट्रेट से लेकर प्रखंड कार्यालय तक पेपरलेस होंगे। सरकार ई-ऑफिस व्यवस्था शुरू करने जा रही है। कार्यालयों के पेपरलेस होने से कामकाज में तेजी आने के साथ-साथ समय की भी बचत होगी। फाइलों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने में लगने वाला समय बचेगा। काम में पारदर्शिता आएगी।
कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही
कंप्यूटर पर काम करने के लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि कंप्यूटर पर किस तरह से फाइल बनाई जाएगी। उन्हें संबंधित अिधकारी या विभाग के पास कैसे भेजना है। फाइलों पर कार्रवाई किस तरह होगी। कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने का उद्देश्य है कि बाद में किसी तरह की कोई समस्या न आए। अब कर्मचारियों को यूजर आइडी भी दी जा रही है।
पेपरलेस होने से फाइलों का बोझ नहीं रहेगा
बताते चलें कि बिहार सरकार के मुख्य सचिव के निर्देश पर 1 फरवरी 2025 से पूरे राज्य में ई-ऑफिस सिस्टम लागू होना है। परियोजना अभियंता आनंद प्रकाश मिश्रा मंजय और आशुतोष कुमार ने ई-ऑफिस सिस्टम कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे हैं, के बारे बारे में बताया। कहा कि इससे फाइलों के निपटारे में तेजी आएगी। अधिकारी फाइलों को नहीं लटका सकेंगे। पेपरलेस होने से फाइलों का बोझ नहीं रहेगा।
