पटना | बिहार विधानमंडल का बजट सत्र एक माह (28 फरवरी से 28 मार्च तक) चलेगा। इस दौरान 20 बैठके होंगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 3 मार्च को पेश किया जाएगा और 5 मार्च से इस पर चर्चा होगी। पहले दिन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। फिर वित्तमंत्री सम्राट चौधरी आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे। देखना यह होगा कि बजट में सरकार कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ गरीब से लेकर मध्यम वर्ग के लोगों के लिए क्या कुछ नया करती है। हालांकि बिहार में इस बार चुनावी साल है इस कारण सरकार बजट को लोक-लुभावन बनाने की कोशिश करेगी।
नौकरी-रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष घेरेगा
बजट सत्र के दौरान सरकार कई राजकीय विधेयक पारित कराएगी। क्योंकि बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले यह अंतिम बजट सत्र है, ऐसे में कानून व्यवस्था, शिक्षक नियोजन-ट्रांसफर, नौकरी-रोजगार व अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति विपक्ष बना रहा है।
सुरक्षा पास की जांच के बाद ही प्रवेश
गुरुवार को विधानमंडल के निरीक्षण के बाद डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी अवकाश कुमार ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। सुरक्षा पास की जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति होगी। सत्र के दौरान सुरक्षा के लिए 50 मजिस्ट्रेट, 50 पुलिस अधिकारी के साथ 250 से अधिक जवान तैनात रहेंगे।
बजट सत्र के खास बिंदु
- 28 फरवरी : सेंट्रल हॉल में राजपाल दोनों सदनों के सदस्यों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। सरकार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन में रखेग।
- 3 मार्च : सरकार बजट पेश करेगी।
- 4 मार्च : राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा।
- 5 मार्च : वित्तीय वर्ष 2025- 26 के बजट पर चर्चा।
- 6 मार्च : बजट पर चर्चा और सरकार का उत्तर। 2024 -25 के बजट के तृतीय अनुपूरक सदन में सरकार रखेगी।
- 7 मार्च : बजट के अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान होगा।
- 11 -13 मार्च : वित्तीय वर्ष 2025- 26 के बजट के अनुदानों की मांग पर चर्चा होगी और फिर मतदान भी होगा।
- 14-16 मार्च : होली के कारण बैठक नहीं होगी।
- 17-21 मार्च : वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट के अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान होगा।
- 25 मार्च : राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य होंगे।
