- 2019 में प्रोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट में रखा कदम
- 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के वकील के रूप में करियर शुरू किया
- पीएम मोदी, रक्षा मंत्री, उपराष्ट्रपति के साथ ही पूर्व सीजेआइ चंद्रचूड़ रहे मौजूद
नई दिल्ली/एजेंसी | सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना सोमवार को देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश बने। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें शपथ दिलाई। सीजेआइ संजीव खन्ना का कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक रहेगा। वे 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को मुख्य न्यायाधीश की भूमिका के लिए निवर्तमान सीजेआइ डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रस्तावित किया था। डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए। शपथ समारोह में पीएम मोदी, रक्षा मंत्री, उपराष्ट्रपति के साथ ही पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ आदि मौजूद रहे।
जस्टिस खन्ना को 18 जनवरी 2019 को कॉलेजियम की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट में एलिवेट किया गया। सुप्रीम कोर्ट आने के बाद वे 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष रहे। अभी नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के कार्यकारी अध्यक्ष और नेशनल ज्यूडिशल एकेडमी भोपाल के गवर्निंग काउंसिल मेंबर हैं।
#WATCH | Delhi: President Droupadi Murmu administers the oath of Office of the Chief Justice of India to Sanjiv Khanna at Rashtrapati Bhavan. pic.twitter.com/tJmJ1U3DXv
— ANI (@ANI) November 11, 2024
तीस हजारी जिला अदालत से शुरू की प्रैक्टिस
दिल्ली बार काउंसिल में शामिल होने के बाद दिल्ली की तीस हजारी जिला अदालतों में अपनी प्रैक्टिस शुरू की। 2005 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 2006 में वे स्थायी न्यायाधीश बने। किसी भी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा किए बिना जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट में जज बने।
पिता न्यायमूर्ति देस राज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज थे
जस्टिस संजीव खन्ना दिल्ली के निवासी हैं। उनका जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। न्यायमूर्ति खन्ना ने स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ लॉ के कैंपस लॉ सेंटर (CLC) से कानून की पढ़ाई की। खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के वकील के रूप में अपना कानूनी करियर शुरू किया। जस्टिस खन्ना के पिता न्यायमूर्ति देस राज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे। उनकी मां सरोज खन्ना दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं। चाचा जस्टिस एचआर खन्ना 1976 में आपातकाल के दौरान एडीएम जबलपुर मामले में असहमतिपूर्ण फैसला लिखने के बाद इस्तीफा देकर सुर्खियों में रहे थे।
#WATCH | Delhi: Justice Sanjiv Khanna took oath as the 51st Chief Justice of India at Rashtrapati Bhavan in the presence of President Droupadi Murmu, PM Narendra Modi and other dignitaries. pic.twitter.com/PbFsB3WVVg
— ANI (@ANI) November 11, 2024
ईवीएम से लेकर केजरीवाल को अंतरिम जमानत तक कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहते संजीव खन्ना कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे। जस्टिस खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 26 अप्रैल को ईवीएम में हेरफेर के संदेह को निराधार करार दिया और पुरानी पेपर बैलेट प्रणाली पर वापस लौटने की मांग को खारिज कर दिया। जस्टिस खन्ना पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा। जस्टिस खन्ना की पीठ ने ही पहली बार तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाले के मामलों में लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी।
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