- कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक निरस्त
- लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे मनमोहन सिंह
- 1991 में मनमोहन ने आर्थिक सुधारों में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
- उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों के लिए याद किए जाएंगे
नई दिल्ली/एजेंसी | पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद देर शाम उन्हें दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया। जहां रात करीब 9.51 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह 92 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इससे पहले, 13 अक्टूबर 2021 को मनमोहन सिंह को एम्स में भर्ती कराया गया था। वहीं, मनमोहन सिंह के निधन की सूचना के बाद कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक को रद कर दिया गया है और सारे कार्यक्रम कैंसिल कर दिए गए। खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत तमाम नेता दिल्ली लौट गए।
7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित
मनमोहन सिंह के निधन की जानकारी मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाेक संवेदना व्यक्त की। केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। जानकारी के अनुसार साल 2006 में मनमोहन सिंह की दूसरी बार बाईपास सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से वह काफी बीमार चल रहे थे। उनका जन्म 26 सितम्बर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह (अब पाकिस्तान) में हुआ था।
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic… pic.twitter.com/clW00Yv6oP
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
2004 से 2014 तक रहे प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे। उनकी गिनती बड़े अर्थशास्त्रियों में होती थी। उन्होंने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय और ग्रेट ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।
मनमोहन सिंह RBI के गवर्नर भी रह चुके
मनमोहन सिंह, राजीव गांधी की सरकार में 1985 से 1987 तक भारतीय योजना आयोग के प्रमुख रहे। इससे पहले 1982 से 1985 तक वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के गवर्नर थे। इस दौरान उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधार किए।
मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने तो राष्ट्रपति भवन ने दोबारा चिट्ठी बनानी पड़ी
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने किताब ‘टर्निंग पॉइंट्सः ए जर्नी थ्रू चैलेंजेज’ में लिखा कि UPA की जीत के बाद राष्ट्रपति भवन ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाने से संबंधित चिट्ठी भी तैयार कर ली थी, लेकिन जब सोनिया गांधी उनसे मिलीं और डॉ. मनमोहन सिंह का नाम आगे किया तो वह चकित रह गए थे। बाद में दोबारा चिट्ठी तैयार करनी पड़ी थी। मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक पहली बार प्रधानमंत्री पद संभाला।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (92) का गुरुवार को निधन हो गया है। दरअसल, तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें देर शाम दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया। pic.twitter.com/LrY0G1e9A7
— newsvistabih (@newsvistabih) December 26, 2024
आलोचना से आहत होकर छोड़ना चाहते थे मंत्री पद
पहला बजट पेश करने के बाद मनमोहन सिंह को उम्मीद थी कि विपक्ष के नेता उनकी बातों का समर्थन करेंगे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष होने के नाते अटल बिहारी वाजपेयी ने बजट की खूब आलोचना की। आलोचना से मनमोहन सिंह आहत हो गए। वे इतने आहत थे कि उन्होंने पीएम नरसिम्हा राव को इस्तीफा देने की ठान ली। राव को जब यह बात पता चली तो उन्होंने वाजपेयी को फोन कर पूरी कहानी बताई। इसके बाद वाजपेयी ने मनमोहन सिंह से मुलाकात की और उन्हें समझाया कि उनकी आलोचना राजनीतिक है। संसद में उन्होंने राजनीतिक भाषण दिया था। इसके बाद मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री पद छोड़ने का फैसला वापस लिया।
All Government programs scheduled tomorrow are to be cancelled. National mourning of 7 days to be declared. Cabinet is to meet tomorrow at 11 am. Dr Manmohan Singh’s last rites to be conducted with full state honours: GoI sources pic.twitter.com/0yjEv1diDq
— ANI (@ANI) December 26, 2024