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Sunita Williams Return : 286 दिन बाद अंतरिक्ष से लौटीं सुनीता विलियम्स

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 286 दिन बाद बुधवार (19 मार्च 2025) तड़के 3:27 बजे अंतरिक्ष से लौट आए।
  • स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) से मंगलवार सुबह 8.15 बजे रवाना हुआ
  • बुधवार तड़के 3.27 बजे स्पेसएक्स के यान ने फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैंडिंग की
  • सुनीता और विल्मोर 5 जून, 2024 को केप कैनवेरल से आइएसएस के लिए रवाना हुए थे
  • अंतरिक्ष यान में गड़बड़ी के कारण दोनों लगभग नौ माह से अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे हुए थे

एजेंसी | सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 286 दिन बाद बुधवार (19 मार्च 2025) तड़के 3:27 बजे अंतरिक्ष से लौट आए। सुनीता और विल्मोर को लेकर स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से मंगलवार सुबह 8.15 बजे रवाना हुआ और बुधवार सुबह करीब 3:27 बजे (17 घंटे) स्पेसएक्स के यान ने फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैंडिंग की। उन्हें लाने के लिए स्पेसएक्स का यान रविवार को ISS पहुंच गया था। अंतरिक्ष से वापसी में उनके साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री क्रू-9 मिशन के कैप्टन निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री एलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी थे।

गुजरात में खुशी की लहर, बहन बाेली-अविस्मरणीय पल
सुनीता की सुरक्षित वापसी के बाद उनके गुजरात स्थित पैतृक गांव झूलासण में खुशी की लहर है। सुनीता की चचेरी बहन फाल्गुनी पंड्या ने इसे “अविस्मरणीय पल” कहा। सुनीता की मां बॉनी पंड्या भी उनकी वापसी को लेकर बेहद उत्साहित हैं। सुनीता के पिता दीपक पांड्या 1957 में अमेरिका चले गए थे।

अंतरिक्ष गए थे 8 दिनों के लिए, ठहरना पड़ा 9 महीने तक
सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और उनके सहयोगी बुच विलमोर (Butch Wilmore) 5 जून 2024 को केप कैनवेरल से ISS के लिए रवाना हुए थे। यह मिशन सप्ताह भर के लिए ही था, लेकिन स्पेस यान में तकनीकी खराबी आने के कारण दोनों को लगभग 9 महीने (286 दिन) तक अंतरिक्ष में ही रहना पड़ा। इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर के पहले मानव मिशन के तहत भेजा गया था। स्टारलाइनर में कई और गड़बड़ियां आने के कारण सुनीता और विलमोर का लौटना मुश्किल हो गया था। बाद में नासा ने स्पेसएक्स-नासा क्रू-9 मिशन के तहत स्पेसएक्स ड्रैगन के जरिए दोनों की वापसी कराई।

जानिए, क्यों नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहना पड़ा
5 जून 2024 को रवाना होने के बाद अंतरिक्ष स्टेशन के पास पहुंचते समय ही इस स्पेस स्टेशन के थ्रस्टर बंद हो गए थे। इसी दौरान स्पेसक्राफ्ट स्टारलाइनर में हीलियम भी खत्म हो गया। हीलियम खत्म होने के कारण स्पीड में कमी आने लगी। 13 जून 2024 को धरती पर वापसी की तैयारियों को स्टारलाइनर में आ रही एक के बाद एक दिक्कतें आने लगी थीं। बता दें कि स्पेसक्राफ्ट स्टारलाइनर के बनने से लेकर ट्रायल तक का सफर काफी विवादित रहा है।

गुरुत्वाकर्षण महसूस किया तो चेहरे पर खुशी झलक आई
लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण यात्रियों के शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए सुनीता को कैप्सूल से बाहर निकालने के तुरंत बाद मेडिकल टीम ने उन्हें स्ट्रेचर पर बैठाया। हालांकि सुनीता विलियम्स ने कुछ सेकंड तक पैरों पर खड़े होने की कोशिश की, लेकिन संतुलन नहीं बना सकीं। जब सुनीता ने पृथ्वी की ग्रैविटी महसूस की तो चेहरे पर खुशी झलक रही थी। उन्होंने हाथ हिलाकर सभी को अभिवादन किया।

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हिमांशु शेखर

17 वर्षों से पत्रकारिता का सफर जारी। प्रिंट मीडिया में दैनिक भास्कर (लुधियाना), अमर उजाला (जम्मू-कश्मीर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), दैनिक जागरण (पानीपत-हिसार) और दैनिक भास्कर (पटना) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में कार्य करने के बाद पिछले एक साल से newsvistabih.com के साथ डिजिटल पत्रकारिता।
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