- एनसीईआरटी भुवनेश्वर के टीचर एजुकेटर अजय आशीष ने विज्ञान की गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा के व्यापक अर्थ से जोड़ा
- शिक्षा की सबसे बड़ी शत्रु अशिक्षा नहीं, बल्कि यह भ्रम है कि हमें सब कुछ पता है– अजय आशीष
बेगूसराय। राजकीयकृत मध्य विद्यालय, बीहट की प्रातःकालीन सभा शनिवार को उस समय विशेष बन गई जब शिक्षा से ज्ञान और ज्ञान से मुस्कान के उद्घोष के साथ वीकेंड विजन सीजन 2 की दूसरी कड़ी आरंभ हुई । विशेष संवाद सत्र में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीआरटी) के क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान (आर आई ई ) भुवनेश्वर से आए परास्नातक टीचर एजुकेटर अजय आशीष ने बच्चों के साथ संवाद सत्र में हिस्सा लिया।
असली शिक्षा वही है, जो हमें सोचने की स्वतंत्रता और अपने विचार व्यक्त करने की क्षमता देती है : रंजन कुमार
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्रधानाध्यापक रंजन कुमार द्वारा स्वागत वक्तव्य एवं विषय-प्रवेश से हुई। उन्होंने कहा-असली शिक्षा वही है, जो हमें सोचने की स्वतंत्रता और अपने विचार व्यक्त करने की क्षमता देती है। शिक्षा केवल स्कूल की चारदीवारी के अंदर कैद होकर किताबों को पढ़ जाने तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह हर मोड़ पर हमारा साथ देते हुए हमारे जीवन को सौंदर्य और आनंद से भर देती है।
शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य संवेदनशीलता से लैस एक समझदार और जिम्मेदार नागरिक बनाना है : अजय आशीष
अजय आशीष ने अपने संवाद में विज्ञान से जुड़ी दर्जनाधिक मनोरंजक और दिलचस्प गतिविधियां कराते हुए विद्यार्थियों को शिक्षण की जीवंतता का अनुभव कराया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य केवल नौकरी पाने या व्यवसाय करने लायक इंसान बनाना नहीं, बल्कि संवेदनशीलता से लैस एक समझदार और जिम्मेदार नागरिक बनाना है। उन्होंने आगे कहा कि स्कूलों में हम अक्सर यह सोचते हुए हार जाते हैं कि हमें क्या पढ़ना, हम तो सब कुछ जानते ही हैं। यहां हमें यह समझना चाहिए कि शिक्षा की सबसे बड़ी शत्रु अशिक्षा नहीं, बल्कि वह भ्रम है जिसमें हमें ये लगता है कि हमें सब कुछ पता है। इसलिए सीखना कभी बंद नहीं करना चाहिए, क्योंकि जीवन में हर दिन नया होता है और यह हमें कुछ नया सीखने का अवसर देता है।
सही-गलत की पहचान करना सिखाती है अच्छी शिक्षा : अनुपमा
कार्यक्रम संचालन के दौरान विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षक अनुपमा सिंह ने कहा कि सफलता की पहली सीढ़ी शिक्षा है, और मेहनत उसकी मजबूती का आधार। अच्छी शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जो गरीबी, अंधविश्वास और असमानता को मिटा सकती है। ये हमें सही-गलत की पहचान करना सिखाती है, और हमें एक बेहतर इंसान बनाती है तथा एक-एक शिक्षित व्यक्ति जुड़कर एक शिक्षित समाज रचता है जिससे पूरा देश शैक्षिक प्रगति की राह पर तेजी से उन्नति की शिखर को छूने लगता है।
शिक्षकों के साथ सैकड़ों छात्र रहे उपस्थित
कार्यक्रम को सुव्यवस्थित करने में विद्यालय की शिक्षक प्रीति कुमारी, सोनम कुमारी तथा सभी हाउस लीडर्स की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। कार्यक्रम में शिक्षक पूनम कुमारी, किरण कुमारी, प्रियरेवती कुमारी सहित श्याम स्कूल ऑफ एजुकेशन के प्रशिक्षु एवं सैकड़ों विद्यार्थियों की उत्साहजनक उपस्थिति रही।
