- तीन शिक्षक दूसरे राज्य के निवासी, इन्हें CTET में 90 से कम अंक मिले हैं
- दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों को CTET में 60% अंक लाना जरूरी
- दो शिक्षक ऐसे जिन्होंने एसटीईटी की जगह BTET सर्टिफिकेट पर नौकरी पाई थी
बेगूसराय | बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षकों पर गाज गिरना शुरू हो गया है। वैसे शिक्षकों को चिन्हित किया जा रहा है जो BPSC की अर्हता को पूरा किए बिना और विभाग को गफलत में डालकर शिक्षक बन बैठे। इसी कड़ी में BPSC से बहाल किए गए जिले के पांच शिक्षकों की नौकरी अब समाप्त होगी। जिसमें TRE-1 के तहत बहाल हुए चार अध्यापक जबकि TRE-2 के तहत नियुक्त हुए एक शिक्षक शामिल हैं। मालूम हो कि पांचों शिक्षकों में तीन ऐसे शिक्षक हैं जो दूसरे राज्य के हैं और गलत तरीके से आरक्षण का लाभ लेकर अध्यापक बन गए। दो ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा एसटीईटी की जगह बीटीईटी पास कर बीपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए थे।
90 अंक लाना था, इससे कम पर बहाल हो गए थे
जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने पत्र जारी कर बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली के तहत संबंधित विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति पत्र एवं पदस्थापन पत्र रद कर दिया है। डीईओ ने कहा है कि उ.म.वि. मेघौल खोदाबंदपुर के शिक्षक अश्वनी पाल जो TRE-1 में अध्यापक बने थे, उन्हें CTET में 84 अंक ही आया था। इसी प्रकार खोदाबंदपुर की शिक्षिका आरती कुमारी को CTET में 84 अंक ही आया था। वहीं TRE-2 में नियुक्त हुए चेरियाबरियारपुर के म.वि. पबड़ा के शिक्षक सोनम पटले को CTET में 83 अंक ही आया था। नियम के मुताबिक ये तीनों शिक्षक दूसरे राज्य के हैं और इन्हें सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के तहत 60 प्रतिशत यानि 90 अंक लाना जरूरी था।
STET की जगह BTET परीक्षा के आधार पर पाई नौकरी
दूसरी ओर TRE-1 में नियुक्त हुए दो विद्यालय अध्यापक ने एसटीईटी की जगह BTET सर्टिफिकेट के आधार पर नियुक्ति पा ली थी। डीईओ ने खोदाबंदपुर प्रखंड के प्रोजेक्ट कन्या हाई स्कूल मेघौल की अध्यापिका ज्योति कुमारी ने कक्षा 9-10 के लिए एसटीईटी पेपर-1 के जगह बीटीईटी के सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया थ। वहीं इसी स्कूल के एक अन्य शिक्षक श्रीकांत 11-12वीं के अध्यापक के लिए एसटीईटी पेपर 2 की जगह BTET की परीक्षा के अधार पर नौकरी पा लिए थे। दोनों अध्यापक से स्पष्टीकरण पूछा गया था। संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। डीईओ ने बताया कि शिक्षक पात्रता परीक्षा मध्यमिक विद्यालय के अध्यापकों के लिए STET पेपर-1 जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालय के अध्यापकों के लिए STET पेपर-2 उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। लेकिन दोनों शिक्षक BTET उत्तीर्ण हैं।
आरक्षण का लाभ केवल बिहार के निवासियों को
डीईओ ने कहा कि किसी भी प्रकार का आरक्षण का लाभ केवल राज्य के निवासियों को ही मिलने का प्रावधान है। आवेदन में दूसरे राज्य के तीन शिक्षकों ने बताया था कि वे नियुक्ति की सभी अर्हता को पूरी करते हैं। जांच कराई गई तो अब मामला सामने आया।
