- तेघड़ा के एसडीओ राकेश कुमार को बनाया गया सचिव
- फाइनल मैच का दूरदर्शन पर होगा प्रसारण
बेगूसराय | तेघड़ा के यमुना भगत स्टेडियम में 72वें मोइनुल हक ट्रॉफी (फुटबॉल) के सभी फाइनल मुकाबले खेले जाएंगे। इसके आयोजन को लेकर सोमवार को खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता की अध्यक्षता में बैठक की गई। बैठक में सात सदस्यीय आयोजन समिति का गठन किया गया। इसमें खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता को अध्यक्ष, तेघड़ा एसडीओ राकेश कुमार को सचिव बनाया गया। जबकि सदस्य के रूप में सुरेश चौहान, मनोज शर्मा, अशोक कुमार सिन्हा, संजीव कुमार मुन्ना और बरौनी पंकज कुमार रखे गए हैं। फाइनल मैच के मुकाबले 15 जून से शुरू होंगे और 26 जून को फाइनल मैच होगा।
बैठक के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि यमुना भगत स्टेडियम में करीब 8 साल बाद यह टूर्नामेंट हो रहा है जबकि बेगूसराय शहर के गांधी स्टेडियम में 48 साल पहले 1977 में मोइनुल हक ट्रॉफी के मैच खेले गए थे।

बेगूसराय ने मधुबनी, जमुई और नवादा को हराया
जोनल मैच में बेगूसराय का मुकाबला मधुबनी, जमुई और नवादा की टीम से हुआ। सभी मैच जीतकर बेगूसराय ने 25 साल बाद मोइनुल हक ट्रॉफी के फाइनल मैच के लिए क्वालीफाई किया।
प्रत्येक दिन दो-दो मैच खेले जाएंगे
फाइनल मैच के लिए दो पूल बनाए गए हैं। प्रत्येक पूल में पांच-पांच टीम रहेगी। प्रत्येक दिन 2-2 मुकाबले खेले जाएंगे। 24 जून को दो सेमीफाइनल मुकाबला होगा। 25 जून को आराम दिया गया है। 26 जून को फाइनल मैच होगा। इसका प्रसारण दूरदर्शन पर भी किया जाएगा।
जानिए, मोइनुल हक ट्राॅफी के फाइनल के लिए कैसे होता है सेलेक्शन
प्रदेश के सभी िजले को 4 zone में बांटा गया है। सभी जोन से जीतने वाली और फर्स्ट रनर अप टीम को फाइनल के लिए चुना जाता है। खास बात यह कि इनके अलावा फाइनल मुकाबले के लिए दो टीम अगल से चुनी जाती है। यह वह टीम होती है जो पिछले साल की चैंपियन और फर्स्ट रनर अप होती है।
संतोष ट्रॉफी की खासियत
संतोष ट्रॉफी में उप-विजेता और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को भी नामांकित ट्रॉफी मिलती है। उप-विजेता ट्रॉफी को कमला गुप्ता ट्रॉफी कहा जाता है। तीसरे स्थान पर आने वाली टीम को संपांगी कप से सम्मानित किया जाता है।
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