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जलेस के तत्वावधान में युवा कवि मुकेश का हुआ एकल काव्य-पाठ

  • जनकवि दीनानाथ सुमित्र ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर उनकी स्मृति में वक्तव्य दिया

बेगूसराय। जनवादी लेखक संघ, जिला इकाई, बेगूसराय के तत्त्वावधान में युवा कवि और शिक्षक मुकेश कुमार की कविताओं का उन्हीं के द्वारा एकल पाठ-सह- समीक्षा गोष्ठी का आयोजन रविवार को स्थानीय न्यू चाणक्य नगर में किया गया। संगठन के जिला-अध्यक्ष तथा जी.डी. कॉलेज के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र साह ने अध्यक्षता जबकि सचिव राजेश कुमार ने संचालन किया। जनकवि दीनानाथ सुमित्र ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर उनकी स्मृति में वक्तव्य दिया।

मुकेश कुमार ने 30 कविताओं एवं गीतों का किया सस्वर पाठ
उसके बाद मुकेश कुमार ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर उन्हें समर्पित एक कविता सुनाई। फिर ‘मां’, ‘वह तुम्हीं जिसने बतलाया’, ‘मेरी पुकार’, ‘एक टुकड़ा हूं’, अपना किसे कहूं मैं’, ‘मैं कवि हूं अपने भावों का’, ‘मत दिल पर ले नादान’, ‘फिर वसंत आया है’, ‘उषा की लालिमा’, ‘मस्ताने दिन’, ‘बस वसंत की बातें’, ‘गांव की ओर’, प्रतिपल तुम मरते रहते हो’, ‘न जीना गंवारा हमें’, ‘प्यार का रिश्ता’, ‘जीवन का तरीका छोड़ दिया’, ‘एक दिन की बात’, ‘चाय’, ‘सच्चा प्रेमी’, ‘साथी साथ चलो’, ‘ये प्यार जिंदगी है’, ‘जिंदगी जीते हैं’ समेत तीस कविताओं और गीतों का सस्वर पाठ किया।
कविताओं में लय, छंद, तुकबंदी और आलंकारिक भाषा का सायास प्रयोग किया है : विनीताभ
जनवादी लेखक संघ के राज्य सचिव कुमार विनीताभ ने समीक्षात्मक वक्तव्य में कहा कि मुकेश कुमार ने कविताओं और गीतों में मानवीय भावनाओं, विचारों और अनुभवों को लय, छंद, तुकबंदी और आलंकारिक भाषा का सायास प्रयोग किया है। युवा आलोचक और स्थानीय कॉलेजिएट उच्च माध्यमिक विद्यालय के हिन्दी प्रवक्ता डॉ. निरंजन कुमार ने कहा कि मुकेश कुमार की रचनाओं में प्रकृति और मानवीय जीवन की विविधताओं का भरपूर उपयोग किया गया है।

मुकेश की रचनााएं दुनिया को देखने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती हैं : डॉ. राजेन्द्र साह
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. राजेन्द्र साह ने कहा कि कविता का मुख्य उद्देश्य पाठक या श्रोता की भावनाओं को उत्तेजित करना, उनके विचारों को प्रेरित करना और मानवीय अनुभवों को एक अनोखे तथा कलात्मक तरीके से संप्रेषित करना है। इस दृष्टि से मुकेश कुमार की रचनााएं समीचीन हैं। इनकी कविताएं दुनिया को देखने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। इनकी कविताओं पर संगठन के उपाध्यक्ष डॉ. चन्द्रशेखर चौरसिया, प्रो. जिक्रुल्लाह खान, अवध बिहारी, डॉ. ललिता कुमारी, प्रभा कुमारी समेत अन्य ने अपनी- अपनी टिप्पणी से मुकेश कुमार को संभावनाशील कवि बताया।

मौके पर ये लोग थे मौजूद
इस अवसर पर भुवनेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ. रामगोपाल झा, चंदन कुमार वत्स, मिथिलेश कांति, विजय कुमार चौधरी, राज किशोर सिंह, रामतीर्थ सिंह, पंकज कुमार सिंहा, जीवेश कुमार, मनोज कुमार, अनिल कुमार, सोनू कुमार, राजीव महतो, चंदन कुमार सिंह, मो. हयात अली, दीपक सावरकर, दीपक कुमार सहित कई साहित्यप्रेमी मौजूद थे। कनक कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

 

 

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प्रवीण प्रियदर्शी

1998 से पत्रकारिता का सफर जारी। हिंदी मासिक पत्रिका ‘दूसरा मत’ से लिखने की शुरुआत। राष्ट्रीय जनमुक्ति पत्रिका का संपादन। दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रम के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग। दैनिक अखबार हिंदुस्तान, दैनिक हरिभूमि (हरियाणा), प्रभात खबर और दैनिक भास्कर में पत्रकारिता की।
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