- स्पिक मैके बेगूसराय चैप्टर की ओर से मध्य विद्यालय बीहट में कार्यक्रम आयोजित
- राजस्थान के लोक कलाकार सुरमनाथ ने साथियों के साथ कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति दी
बेगूसराय (बीहट) | स्पिक मैके, बेगूसराय चैप्टर की ओर से मध्य विद्यालय, बीहट की विशेष प्रातःकालीन सभा में जैसे ही राग मांड Mand में गाया जाने वाला लोकगीत (Folk song) ‘केसरिया बालम आवो नी.. पधारो म्हारे देश’ का आलाप गूंजा कि सहसा सभी विस्मित भाव आनंद से झूम उठे। यह लोकगीत राजस्थान Rajsthan की शौर्य गाथा को समर्पित है। एसेंबली में राजस्थान के सुप्रसिद्ध लोक कलाकार सुरमनाथ एवं उनके दल ने अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत के रूप में संरक्षित राजस्थान की कालबेलिया नृत्य की इस मनमोहक प्रस्तुति ने उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशेष रूप से आरती सँपेरा एवं रेखा सँपेरा द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक कालबेलिया नृत्य और राजस्थानी लोकगीतों ने कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया।
खुशी से झूम उठे बच्चे और अन्य दर्शक
सुरमनाथ एवं उनके दल ने राजस्थान के पारंपरिक लोकगीतों और लोकनृत्यों की जीवंत प्रस्तुतियां दीं, जिनमें घूमर, तेरहताली, भवई जैसे लोकप्रिय नृत्य भी शामिल थे। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कालबेलिया नृत्य रहा, जिसे ‘रेगिस्तान का नृत्य’ भी कहा जाता है। यह नृत्य न केवल अपनी लयबद्ध गतियों और आकर्षक वेशभूषा के लिए प्रसिद्ध है बल्कि शानदार करतबों के समायोजन के लिए भी प्रसिद्ध है। इसे भारत की समृद्ध लोकसंस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का प्रतीक भी माना जाता है। कार्यक्रम के अंतिम सोपान में निम्बूड़ा, मस्त कलंदर पर बच्चे तालियां बजाते हुए स्वस्फूर्त कब उनके साथ नृत्य में शामिल हो गए ये उन्हें पता ही नहीं चला।
