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Bihar Cabinet: 7 नए मंत्रियों को मिले विभाग, पुराने मंत्रियों के बदले गए डिपार्टमेंट

नीतीश सरकार ने बजट सत्र के एक दिन पहले गुरुवार को नए सात मंत्रियों का विभाग आवंटित कर दिया। साथ ही पहले के कई मंत्रियों के विभाग भी बदल दिए गए हैं।
  • संजय सरावगी को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी
  • डिप्टी सीएम विजय सिन्हा से भी पथ निर्माण विभाग वापस लिया
  • मांझी के बेटे संतोष सुमन से वापस लिया सूचना प्रावैधिकी विभाग

पटना | नीतीश सरकार ने 28 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के एक दिन पहले गुरुवार को नए सात मंत्रियों का विभाग आवंटित कर दिया। इसके साथ ही पहले के कई मंत्रियों के विभाग भी बदल दिए गए हैं। जिन मंत्रियों के विभाग बदले हैं वे सभी भाजपा कोटे के ही हैं। जदयू कोटे के मंत्रियों के विभाग में कोई फेरबदल नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कोटे से शामिल सभी मंत्रियों को उनके विभाग सौंप दिए गए हैं। इसके साथ ही, नए मंत्रियों को सौंपे गए विभागों को लेकर आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।

कामकाज के आधार पर 15 मंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव
यह बदलाव मंत्रियों के कामकाज के आधार पर किया गया है। गुरुवार को जारी सूची में इसी कारण 15 पुराने और नए सात मंत्रियों का नाम है। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा की जिम्मेदारी पर भी असर पड़ा है। वे अब कृषि और खनन विभाग देखेंगे। पहले उनके पास पथ निर्माण विभाग था, जो अब नितिन नवीन को सौंपा गया है। नितिन नवीन से नगर विकास विभाग लेकर जीवेश मिश्रा को दे दिया गया है। मंगल पांडेय स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था दोनों देखेंगे। उनके पास से कृषि विभाग ले लिया गया है। नीतीश मिश्रा अब सिर्फ उद्योग विभाग संभालेंगे।

किसे कौन सा विभाग मिला देखने के लिए लिंक क्लिक करें

Proposed Ministers (1)

चुनाव, जाति और भाजपा का ख्याल
बताते चलें कि बिहार में इसी वर्ष विधानसभा का चुनाव होना है। जुलाई में चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कैबिनेट विस्तार में जातिगत समीकरण के साथ ही भाजपा समर्थित क्षेत्रों का खास ख्याल रखा गया है। नए मंत्रियों में से दो, जिबेश कुमार (भूमिहार) और राजू कुमार सिंह (राजपूत) उच्च जातियों से हैं, जो बिहार में आबादी का 10 प्रतिशत से अधिक हैं, लेकिन दशकों से भाजपा के सबसे वफादार मतदाता रहे हैं। इसके अलावा, सुनील कुमार को छोड़कर सभी गंगा के उत्तर क्षेत्र से आते हैं। इस क्षेत्र में राजग के मुकाबले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन का प्रदर्शन बेहतर रहा है।

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Author: newsvistabih

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