बेगूसराय। बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन जिला कमिटी बेगूसराय की विस्तारित बैठक एवं जिला स्तरीय खेतिहर मजदूर कार्यकर्ता कन्वेंशन रविवार को पावर हाउस रोड स्थित माध्यमिक शिक्षक संघ भवन के सभागार में सम्पन्न हुआ। इसकी अध्यक्षता संगठन के जिला-अध्यक्ष रामविलास सिंह ने की। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव विक्रम सिंह ने कहा कि केन्द्र में मोदी की एनडीए सरकार खेतिहर मजदूरों के प्रति गैरजिम्मेदराना रुख अख्तियार कर रही है। हाल ही में केन्द्रीय वित्त मंत्री के द्वारा पेश किये गए बजट से स्पष्ट है कि सरकार ग्रामीण गरीबों, मनरेगा मजदूरों और उनके जीवन यापन के प्रति अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए बेपरवाह है। सरकार का बजट आम आदमी की जरूरतों के लिए संवेदनशील नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण रोजगार, अनुसूचित जाति, जनजाति, किसानों, युवाओं, महिलाओं के समुचित कल्याण के लिए सरकार का बजट लोगों की चिंता बढ़ाने वाला है। सरकार अपनी नीतियों से केवल कारपोरेट घरानों और देशी-विदेशी निजी पूंजीपतियों के हित साधने में लगी रहती है।
लोकतांत्रिक मूल्यों और साझी संस्कृति की विरासत पर कुठाराघात कर रही सरकार
उन्होंने आगे कहा कि सरकार नव उदारवादी नीतियों को लागू कर देश की मेहनतकश जनता के जीवन के संकट को बढ़ा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार समाज का सांप्रदायिक रूप से विभाजन कर लोकतांत्रिक मूल्यों और साझी संस्कृति की विरासत पर कुठाराघात कर रही है।उन्होंने आगे कहा कि जनता अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करती है। विगत वर्षों में किसानों, खेतिहर मजदूरों, संगठित और असंगठित मजदूरों के संघर्ष का यह परिणाम हुआ कि केन्द्र की दंभी तथा तानाशाही सरकार की संसद में ताकत घटी है जबकि विपक्ष इंडिया गठबंधन सदन में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने में सफल हुआ है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से खेतिहर मजदूरों, ग्रामीण मजदूरों, मनरेगा मजदूरों, गरीब किसानों की एकता और उनकी समस्याओं को लेकर निरंतर सक्रिय रहने का आह्वान किया।
भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है बिहार सरकार
बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के राज्य-अध्यक्ष का देवेन्द्र चौरसिया ने कहा कि बिहार सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी व्यवस्था का हिस्सा बन गयी है। राज्य में अपराधी बेखौफ अपराध कर रहे हैं, प्रशासन चैन की बंशी बजा रहा है। नीतीश कुमार ने डी बंदोपाध्याय आयोग की रिपोर्ट को ठंढे बस्ते में डाल दिया जबकि उस रिपोर्ट को लागू कर दिया जाए तो बिहार के न केवल खेतिहर मजदूरों।
जनभागीदारी के बल पर करें संघर्ष तेज
बिहार राज्य किसान सभा के राज्य-अध्यक्ष और बेगूसराय के पूर्व विधायक का राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि पूरा बिहार बाढ़ और सुखाड़ की चपेट में है। सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण सरकारी नलकूप, लिफ्ट एरिगेशन ठप है। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि खेती, किसानी, बिजली, बाढ़, वास, समेत तमाम जनसमस्याओं के मद्देनजर गांव-गांव जाकर संपर्क अभियान चलावें और व्यापक जनभागीदारी के बल पर संघर्ष तेज करें।
संगठन और आंदोलन के विस्तार को लेकर कार्य योजना पेश की
बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला सचिव राम भजन सिंह ने संगठन और आंदोलन के विस्तार को लेकर कार्ययोजना पेश की। बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के राज्य के संयुक्त सचिव और बेगूसराय के पूर्व उप प्रमुख सूर्य नारायण रजक, जिला किसान कौंसिल के अध्यक्ष सुरेश यादव समन को संबोधित किया।
मौके पर ये लोग थे मौजूद
मौके पर सुरेश पासवान, रामजी पासवान, राधे पासवान, बंगाली पासवान, विनोद कुमार, मनोज पासवान, राम बहादुर सदा,रमेश प्रसाद सिंह, राम बहादुर सिंह, समेत सैकड़ों खेतिहर मजदूर कार्यकर्ता मौजूद थे।
