मुंबई/एजेंसी | देश के बड़े उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा नहीं रहे। उन्होंने बुधवार (9 अक्टूबर) को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। बुधवार को उम्र संबंधी परेशानी के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें ICU में भर्ती किया गया, लेकिन इसके कुछ ही समय बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने रतन टाटा के निधन की पुष्टि की। रतन टाटा 86 साल के थे। वे साल 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे और इस दौरान उन्होंने बिजनेस सेक्टर में कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक टाटा समूह को बुलंदियों तक पहुंचाया।
विमान उड़ाने की ट्रेनिंग लेने के लिए रेस्टोरेंट में जूठे बर्तन भी धोए
रतन टाटा की उच्च शिक्षा अमेरिका के कॉरनेल यूनिवर्सिटी से हुई, जहां उन्होंने आर्किटेक्चर की डिग्री ली। उन्हीं दिनों रतन टाटा को जहाज उड़ाने का शौक सवार हुआ। लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि जहाज उड़ाने का प्रशिक्षण ले सकें। विमान उड़ाने की फीस जुटाने के लिए उन्होंने कई नौकरियां की। इसी दौरान उन्होंने कुछ समय के लिए रेस्तरां में जूठे बर्तन भी धोए।
1962 में टाटा ग्रुप में सहायक के रूप में जुड़े
रतन टाटा 1962 में टाटा इंडस्ट्रीज में सहायक के रूप में जुड़े। इसी साल टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (अब टाटा मोटर्स) के जमशेदपुर कारखाने में 6 माह की ट्रेनिंग ली। 1971 में नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी का प्रभारी निदेशक नियुक्त हुए। 1981 में उन्हें समूह की अन्य होल्डिंग कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
कई कंपनियों के अध्यक्ष थे, विदेशी संगठनों से भी जुड़े थे
रतन टाटा 1991 से 28 दिसंबर 2012 को अपनी सेवानिवृत्ति तक टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष थे। इस दौरान वे टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा पावर, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज सहित प्रमुख टाटा कंपनियों के अध्यक्ष थे। वे भारत और विदेशों में विभिन्न संगठनों से भी जुड़े हुए थे। रतन टाटा मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन और जेपी मॉर्गन चेस के अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड में भी थे। वे सर रतन टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट, और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट के अध्यक्ष थे।
Tata Group tweets, “It is with deep sorrow that we announce the peaceful passing of our beloved Ratan. We, his brothers, sisters and family, take solace and comfort in the outpouring of love and respect from all who admired him. While he is no longer with us in person, his legacy… pic.twitter.com/EtXHiLw3Pe
— ANI (@ANI) October 9, 2024
परोपकारिता के लिए मशहूर रहे रतन टाटा
रतन टाटा का मानना है कि शिक्षा समाज के विकास की कुंजी है। उन्होंने देशभर में स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना में योगदान दिया है। उन्होंने कई छात्रवृत्तियों की भी शुरुआत की, जिनसे लाखों छात्र लाभान्वित हुए हैं।
शिक्षा में योगदान : रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने भारत के स्नातक छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्नेल विश्वविद्यालय में 28 मिलियन डॉलर का टाटा छात्रवृत्ति कोष स्थापित किया। 2010 में टाटा समूह ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) में एक कार्यकारी केंद्र बनाने के लिए 50 मिलियन डॉलर का दान दिया। जहां उन्होंने स्नातक प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसे टाटा हॉल नाम दिया गया। 2014 में टाटा समूह ने आईआईटी-बॉम्बे को 95 करोड़ रुपए का दान दिया और सीमित संसाधनों वाले लोगों और समुदायों की आवश्यकताओं के अनुकूल डिजाइन और इंजीनियर सिद्धांतों को विकसित करने के लिए Tata Center for Technology and Design (टीसीटीडी) का गठन किया।
स्वास्थ्य सेवा : टाटा ट्रस्ट ने कई स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों में निवेश किया है। उन्होंने कैंसर रिसर्च, एड्स के उपचार, और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने के लिए विशेष कार्य किए हैं। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) जैसे प्रमुख शिक्षण संस्थानों को समर्थन दिया।
Inspirational Life Journey of Ratan Tata Ji.
Om Shanti ????— Secular Chad (@SachabhartiyaRW) October 9, 2024
उद्योग क्षेत्र में उपलब्धि
1. टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में 1991-2012 तक सेवा
2. जैगुआर लैंड रोवर की खरीद (2008)
3. कोरस की खरीद (2007)
4. टाटा स्टील की वैश्विक पहुंच बढ़ाना
5. टाटा मोटर्स की सफलता
6. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की वैश्विक पहुंच बढ़ाना
7. टाटा समूह की वैश्विक ब्रांड वैल्यू में वृद्धि
प्रमुख पुरस्कार और सम्मान
1. पद्म विभूषण (2008)
2. पद्म भूषण (2000)
3. ऑनररी नाइट कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (2009)
4. इंटरनेशनल हेरिटेज फाउंडेशन का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (2012)
5. सर्वश्रेष्ठ सीईओ – 2012 में, रतन टाटा को “सर्वश्रेष्ठ सीईओ” का खिताब दिया गया।
6. FICCI लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड – यह पुरस्कार उन्हें 2012 में दिया गया।
रतन टाटा ने राष्ट्र के मूल का ताना-बाना भी बुना : टाटा ग्रुप
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने जारी बयान में कहा कि हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ श्री रतन नवल टाटा को अंतिम विदाई दे रहे हैं। एक असाधारण नेता जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को आकार दिया बल्कि हमारे राष्ट्र का मूल ताना-बाना भी बुना। टाटा समूह के लिए, श्री टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे। मेरे लिए वह एक गुरु थे, मार्गदर्शक और मित्र भी थे। वह हमेशा अपने नैतिक दिशा-निर्देश के प्रति सच्चे रहे। हम उनके सिद्धांतों को कायम रखने का प्रयास करेंगे।’
पीएम मोदी ने जताया शोक
रतन टाटा के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जाहिर किया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है कि वो एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का प्रिय बना लिया।

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देश के लिए दुखदायक है श्रद्धेय रतन टाटा जी का जाना। खबर में टाटा जी के बारे में कई जानकारियां दी गई है।