बेगूसराय | दर्द चाहे जैसा भी हो अब आपको यह ज्यादा परेशान नहीं करेगा। शहर स्थित राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेद कॉलेज में मर्म चिकित्सा पद्धति से इसका इलाज किया जा रहा है। मर्म चिकित्सा से इलाज के लिए कॉलेज परिसर में बुधवार को नई ओपीडी की शुरुआत की गई। मर्म चिकित्सा क्लीनिक का उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर श्रीनिवास त्रिपाठी ने किया।
मर्म चिकित्सा के विशेषज्ञ डाॅ. रमण रंजन ने बताया कि प्राचीन आयुर्वेद में मर्म चिकित्सा का विधान है। हमारे शरीर में 107 मर्म स्थान हैं। ये स्थान प्राण की ऊर्जा के स्थान हैं। इन्हीं मर्म स्थानों को स्टिम्युलेट कर एवं मर्म में स्थित प्राण रूपी ऊर्जा का संचरण कर रोगों का इलाज किया जाता है।
मांग के अनुरूप बढ़ाई जाएगी ओपीडी : प्राचार्य
प्राचार्य डॉक्टर श्रीनिवास त्रिपाठी ने कहा कि मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ के रूप में डॉक्टर रमण रंजन की पदस्थापना की गई है। मांग के अनुरूप उनकी ओपीडी बढ़ाई जा सकती है। डॉ. रमण ने दर्द से पीड़ित कई मरीजों का इलाज भी किया। इस मौके पर महाविद्यालय उपाधीक्षक डॉक्टर दिलीप कुमार वर्मा, डाॅ. लाल कौशल कुमार, डॉ. विजेंद्र कुमार, डॉ. अखिलेश जायसवाल, डॉ. भानु प्रताप आदि मौजूद थे।
प्रत्येक हाथ में 14 मर्म बिंदु होते हैं
मानव शरीर में 107 मर्म होते हैं, जिन्हें दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ये हैं थोडू मर्म (96) और पादु मर्म (12)। गर्दन के ऊपर 25 मर्म होते हैं, गर्दन और नाभि के बीच 45, नाभि और मूलाधार (सूक्ष्म मानव शरीर का प्राथमिक केंद्र बिंदु) के बीच 9, प्रत्येक हाथ में 14 और प्रत्येक पैर में 15 मर्म होते हैं।
क्या कुछ कहा विशेषज्ञ चिकित्सक ने सुनिए
