Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

Download App from

बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के नहीं भरवा सकेंगे Petrol and Diesel

दिल्ली की सरकार ने फैसला किया है कि जिन वाहनों के प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं होंगे उन्हें 1 अप्रैल से पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा।
  • दिल्ली के 500 पेट्रोल पंपों पर विशेष उपकरण लगाए जा रहे
  • दिल्ली में निजी वाहनों की संख्या हर साल साल 5.81% की दर से बढ़ रही

नई दिल्ली / पटना | अगर दिल्ली की सड़कों पर आप बेधड़क वाहन चलाना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। अगर आपके पास प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं है तो सावधान हो जाएं। सरकार ने फैसला किया है कि जिन वाहनों के प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं होंगे उन्हें 1 अप्रैल से पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा। ऐसे वाहन सड़कों पर भी नहीं दौड़ेंगे।

हालांकि वाहनों का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) प्रमाणपत्र हर साल रिन्यू करवाना होता है, लेकिन अब इस नियम को और सख्त किया जा रहा है। दिल्ली में सरकार ने कुछ ऐसे पेट्रोल पंपों को अधिकृत कर रखा है जो PUC प्रमाणपत्र जारी करते हैं। ऐसे पेट्रोल पंपों के पास परीक्षण कक्ष भी मौजूद है। नियम का सख्ती से पालन हो इसके लिए करीब 500 पेट्रोल पंपों पर विशेष उपकरण लगाए जा रहे हैं जो ऐसे वाहनों की पहचान करेगा जिनके पास PUC प्रमाणपत्र नहीं होंगे या इसकी वैधता समाप्त हो चुकी होगी। जानकारी के अनुसार, दिल्ली में चलने वाले 60 प्रतिशत से अधिक वाहन बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के ही सड़कों पर दौड़ रहे हैं।

वाहनों की पहचान इस तरह से की जाएगी : प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ी या फिर बिना PUC प्रमाणपत्र वाले वाहन ईंधन लेने पहुंचेंगे तो तो सिस्टम उसे “डिफॉल्टर” घोषित करेगा। केंद्रीय डेटाबेस से जुड़े यह विशेष उपकरण गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर वाहन की स्थिति जांचेगा। यदि वाहन का PUC प्रमाणपत्र समाप्त हो चुका है तो पेट्रोल पंप कर्मियों को इसकी सूचना दे दी जाएगी। इस आधार पर पेट्राेल पंप कर्मी आपको ईंधन देने से मना कर देगा।

15 साल पुराने वाहनों पर खास नजर : दिल्ली सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा कि ऐसे वाहनों की पहचान के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पेट्रोल पंपों पर ऐसे उपकरण स्थापित कर रहे हैं, जो 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की पहचान करेगा और उन्हें ईंधन देने से मना किया जाएगा।

ऐसी व्यवस्था क्यों की जा रही : एक रिसर्च के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में पीएम 10 के स्तर पर वाहनों से 14 एवं पीएम 2.5 के स्तर पर 25 से 36 प्रतिशत प्रदूषण होता है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे 91 प्वाइंट चिन्हित किए हैं, जहां जाम लगता है और वाहनों की रफ्तार बहुत कम हो जाती है। जाम के दौरान भी और सड़कों पर वाहनों के रेंगने के क्रम में भी ईंधन जलता रहता है, इंजन भी चालू ही रहता है। ऐसे में प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जाता है। इसी प्रदूषण स्तर को रोकने के लिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए बिहार में क्या : वर्ष 2021 में युक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रोजेक्ट (यूएनईपी) और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के बीच बैठक हुई थी। वायु प्रदूषण कम करने को नए कार्बन पाथवे पर चलने की बात कही गई थी। समझौते के तहत प्रोजेक्ट 2040 तक चलेगा। प्रोजेक्ट के तहत कार्बन उत्सर्जन को कम करने के साथ उसके अवशोषण के उपाय पर बल देना था।

क्या है कार्बन पाथ वे : कार्बन पाथ-वे ऐसा क्षेत्र है जहां कार्बन के उत्सर्जन एवं अवशोषण में संतुलन बना रहे। सामान्य रूप से हवा में कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा .03 फीसद होनी चाहिए। इससे ज्यादा मात्रा हुई तो वायु को प्रदूषित माना जाएगा। प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने प्रदेश में 17 फीसद हिस्से को हरित क्षेत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया था।

newsvistabih
Author: newsvistabih

Leave a Comment

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

Digital marketing for news publishersHUF Registration Services In India

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: wetter in Indien morgen

राशिफल

error: Content is protected !!